राजेश कुमार वर्मा संग अमरदीप नारायण प्रसाद
समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । नगरी के चकाचौंध जीवन को छोड़कर पर्यावरण को बचाने के लिए पौधरोपण करते हैं सुमन(ट्री मेन) ।
मायानगरी मुंबई की चकाचौंध और ग्लैमरस जीवन को छोड़कर समस्तीपुर, बिहार लौटने वाले श्री राजेश कुमार सुमन बेटी और वन को बचाने के लिए प्रतिदिन सुबह-सुबह बेटी के सम्मान में बेटी के नाम से हर घर के दरवाजे पर आम का पौधरोपण करते हैं। पौधरोपण करने के बाद गांव में लोगों को जागरूक करते हैं कि बेटी हमारी अभिशाप नहीं है। बेटी हमारी वरदान है बेटी के जन्म होने पर भी मिठाई बांटी जानी चाहिए और खुशी मनाई जानी चाहिए। कन्या भ्रूण हत्या के प्रति आम जनों को जागरूक करते हैं और कहते हैं बेटा- बेटी में असमानता नहीं होनी चाहिए। बेटी हमारी घर की लक्ष्मी होती है। बेटी को भी बेटा के तरह पढ़ाना चाहिए। अगर एक बेटी पढ़ती है तो एक पूरा परिवार शिक्षित होता है।आज हमारी बेटी किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। हमारी बेटी आईएएस, आईपीएस और विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट तक फतह कर चुकी है।
इसके अलावे बेटियों को शिक्षित करने के लिए प्रतिदिन सुबह और शाम में श्री सुमन ग्रीन पाठशाला का संचालन करते हैं, जहां बेटियों को विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता परीक्षाओं के तैयारी के लिए नि:शुल्क कोचिंग देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी बेटियों को जागरूक कर रहे हैं। शिक्षा दान ग्रहण कर रहे बेटियों के द्वारा से सुमन को गुरु दक्षिणा के रूप में पौधा भेंट किया जाता है। बताते चलें कि श्री सुमन भारत की माया नगरी मुंबई में विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में कार्यरत थे। पर्यावरण और शिक्षा के प्रति अनुराग होने के कारण श्री सुमन को अपनी मातृभूमि बिहार खींच लाया। श्री सुमन अब तक हजारों बेटियों को शिक्षा दान दे चुके हैं, जिसमें से सैकड़ों की संख्या में बेटियां भारत सरकार और बिहार सरकार में विभिन्न छोटे- बड़े पदों पर चयनित होकर सेवा दे रही हैं। अब तक श्री सुमन बेटियों के सम्मान में बेटियों के नाम से हजारों घरों में पौधरोपण कर चुके हैं। बिहार में श्री सुमन को लोग प्यार से पौधे वाले गुरुजी ट्रीमैन के नाम से पुकारते हैं। पर्यावरण और बेटी के प्रति श्री सुमन को इतना स्नेह और लगाव है कि जिस दिन बेटी के सम्मान में बेटी के नाम से पौधरोपण नहीं कर पाते हैं उस दिन उन्हें रात भर नींद नहीं आती है। श्री सुमन इसके अलावे विभिन्न शादी समारोह, जन्मदिन,शादी के सालगिरह,जनेऊ, मुंडन जैसे आयोजनों के अवसर पहुंचकर पौधा भेंट करते हैं और उनके पवित्र हाथों से पौधरोपण भी करवाते हैं। कभी-कभी बिन बुलाए मेहमान बनकर भी विभिन्न शादी समारोह में पहुंचते हैं और वरमाला के समय वर वधु को इको फ्रेंडली उपहार के रूप में आम का पौधा भेंट कर हरित आशीर्वाद देते हैं। तत्पश्चात शादी को हमेशा के लिए यादगार बनाने हेतु वर -वधू के पवित्र हाथों पौधरोपण करवाते हैं। श्री सुमन अपने जन्मदिन पर केक काटने के बजाय श्मशान घाट में जाकर पौधरोपण कर इको फ्रेंडली जन्मदिन मनाते हैं।