राजेश कुमार वर्मा
ताजपुर/समस्त्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 15 नवंबर 2019 ) । फीस वृद्धि के खिलाफ लड़ रहे जेएनयू के छात्रों पर भाजपा- संघ के मोदी सरकार के ईशारे पर पुलिस द्वारा लाठी, गोली चलाने के खिलाफ शुक्रवार को आइसा- इनौस ने एलकेभीडी कालेज के समक्ष मानव श्रृंखला बनाकर शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार के नाजायज हस्तक्षेप पर विरोध जताया। कालेज गेट से छात्र- युवाओं ने मांगों से संबंधित नारे लिखे तख्तियां,झंडे,बैनर लेकर नारे लगाते हुए जुलूस निकाला जो विभिन्न मार्गों से गुजरकर पुनः कालेज गेट के समक्ष पहुंचकर जुलूस मानव श्रृखंला में तब्दील हो गया।उपस्थित छात्र- छात्राओं ने एक- दूसरे के हाथ पकड़कर जमकर नारेबाजी करते रहे। छात्र- युवाओं के प्रदर्शन को देखकर दर्शकों की भीड़ भी ईकट्ठी हो गई। श्रृंखला की समाप्ति सभा का आयोजन कर किया गया। अध्यक्षता इनौस जिला अध्यक्ष राम कुमार एवं आइसा जिला सह सचिव सह प्रखंड संयोजक जीतेंद्र सहनी ने संयुक्त रूप से किया तथा संचालन इनौस जिला सचिव आशिफ होदा ने किया। सभा को नौशाद तौहिदी, कृष्ण कुमार, मो० एजाज, अरशद कमाल, लड्डन अफरीदी,संतोष कुमार,मो० अशरफ जमाल, मो० परवेज, मो० मुन्ना भाई, मो० मिस्टर, मुकेश कुमार, मनोज कुमार, मो० जावेद, सन्नी, आशिफ अली, अभिषेक कुमार, राजीव कुमार, राजू कुमार, समेत आइसा प्रभारी सह भाकपा माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह आदि ने सभा को संबोधित किया।
उन्होंने अपने भाषण में कहा कि JNU अधिनायकवाद-फासीवाद-सामंती पोंगापंथी प्रतिक्रिया की ताकतों के हर हमले के खिलाफ सुसंगत लोकतांत्रिक विपक्ष है।
JNU शिक्षा-रोजगार-लोकतंत्र पर हर हमले के खिलाफ भारतीय छात्र-युवा समुदाय की लड़ाई की अग्रिम चौकी है, उसका अगुआ दस्ता है।
JNU अंधआस्था, व्यक्तिपूजा, जातीय-लैंगिक-साम्प्रदयिक-बहुसंख्यक वादी अवैज्ञानिकता व अमानवीयता के विरुद्ध चिंतन, विचार, आलोचना, प्रतिवाद और अभिव्यक्ति की आज़ादी का केंद्र है।
फासीवादी अश्वमेघ के घोड़े की राह में JNU बहुत बड़ा रोड़ा है।
इसलिए हुक्मरान येन केन प्रकारेण हमारे इस सर्वोत्कृष्ट शिक्षण संस्थान को कुचल देने पर आमादा हैं-फीस बढ़ाकर, सीट घटाकर, उसे बदनाम कर-देशद्रोह का केंद्र साबित कर और अंततः लाठी गोली के बल पर। अत: JNU पर हमले के खिलाफ वहां के बहादुर छात्र-छात्राओं के साथ खड़े हों ताकि इस देश में हर जुल्म और नाइंसाफी के खिलाफ भारत की विद्रोही चेतना का निर्भय प्रतिवाद व प्रतिरोध देश की राजधानी में अनवरत गूंजता रहे और सत्ता प्रतिष्ठान की नींद हराम करता रहे ।