राजेश कुमार वर्मा संग अमित कुमार
समस्त्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । चकसाहो में चल रही नौ दिवसीय श्री राम कथा आज अष्टम दिन कथावाचक ने कहा कि प्राचीन समय पंचवटी वन क्षेत्र को दण्डकवन भी कहा जाता था। श्रीरामचरित मानस में इस बात का उल्लेख है कि जब श्रीराम, लक्ष्मण और सीता पंचवटी क्षेत्र में निवास कर रहे थे, तब रावण की बहन शूर्पणेखा यहां पहुंच गई थी। इसी क्षेत्र में काटी थी शूर्पणखा की नाक शूर्पणखा, श्रीराम और लक्ष्मण को देखकर मोहित हो गई और सुंदर वेष बनाकर उनके सामने विवाह प्रस्ताव रखा। श्रीराम और लक्ष्मण ने इस प्रस्ताव से इंकार कर दिया, लेकिन बहुत समझाने पर भी शूर्पणखा नहीं मानी। अंत में शूर्पणखा ने राक्षसी का कुरूप धारण किया, तब लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी। इस अपमान का बदला लेने के लिए शूर्पणखा ने अपने भाई रावण से मदद मांगी। शूर्पणखा ने रावण के सामने सीता के सौंदर्य की बहुत तारीफ की, जिससे रावण के मन भी कामभाव जाग गया। रावण पंचवटी (दण्डकवन) पहुंचा और छल से सीता का हरण कर लिया। उक्त विचार पूज्य श्री प्रशांत जी महाराज ने समस्तीपुर जिला के पटोरी प्रखंड के चकसाहो मिडिल स्कूल के निकट हो नौ दिवसीय श्री राम कथा के कहि। मौके पर आयोजक समिति के अध्यक्ष रधुनाथ प्रसाद चौधरी, सचिव मनोज झा ,कोषाध्यक्ष धरविंद्र कुमार, बिरजू कुमार, पूर्व मुखिया अमरनाथ चौधरी, मनीष पोद्दार, आदि लोगों ने अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।