पप्पू कुमार पूर्वे पत्रकार
मधुबनी जिला के जयनगर शहर में गुरुवार को नव ज्योति कोचिंग सेंटर में बाल दिवस कार्यक्रम बड़ी-ही धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर कोचिंग के प्राचार्य चन्देश्वर यादव ने कहा कि भारत में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है। जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें ‘चाचा नेहरू’ कहा जाता था, का जन्म आज ही के दिन यानी 1889 में 14 नवंबर को हुआ था। जवाहरलाल नेहरू को बच्चों के प्रति उनके प्रेम के लिए जाना जाता था। यही वजह है कि 14 नवंबर को उनका जन्मदिन प्रत्येक वर्ष बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है उन्होंने कहा कि बच्चे देश के भविष्य होते हैं। बच्चे निश्च्छल भाव के होते हैं, इसलिए वे भगवान स्वरूप हैं। जरूरत है बच्चों को सही मार्ग पर प्रशस्त करने की।इस अवसर पर शिक्षक ब्रह्मदेव महासेठ ने कहा की बच्चे देश के नौनिहाल होते हैं। हर बच्चे में अद्वितीय प्रतिभा होती है। इसलिए शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चे के साथ उचित व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे प्रकृति के उपहार हैं। हमें उन्हें संवारने की जरूरत हैं। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों के बीच टॉफियां बांटी गई।इस अवसर पर कोचिंग के प्राचार्य चन्देश्वर यादव,शिक्षक ब्रह्मदेव महासेठ,पप्पू पूर्वे सर,चंदन सर ,अरविंद सर सहित सैकड़ों छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।
मधुबनी जिला के जयनगर शहर में गुरुवार को नव ज्योति कोचिंग सेंटर में बाल दिवस कार्यक्रम बड़ी-ही धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर कोचिंग के प्राचार्य चन्देश्वर यादव ने कहा कि भारत में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है। जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें ‘चाचा नेहरू’ कहा जाता था, का जन्म आज ही के दिन यानी 1889 में 14 नवंबर को हुआ था। जवाहरलाल नेहरू को बच्चों के प्रति उनके प्रेम के लिए जाना जाता था। यही वजह है कि 14 नवंबर को उनका जन्मदिन प्रत्येक वर्ष बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है उन्होंने कहा कि बच्चे देश के भविष्य होते हैं। बच्चे निश्च्छल भाव के होते हैं, इसलिए वे भगवान स्वरूप हैं। जरूरत है बच्चों को सही मार्ग पर प्रशस्त करने की।इस अवसर पर शिक्षक ब्रह्मदेव महासेठ ने कहा की बच्चे देश के नौनिहाल होते हैं। हर बच्चे में अद्वितीय प्रतिभा होती है। इसलिए शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चे के साथ उचित व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे प्रकृति के उपहार हैं। हमें उन्हें संवारने की जरूरत हैं। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों के बीच टॉफियां बांटी गई।इस अवसर पर कोचिंग के प्राचार्य चन्देश्वर यादव,शिक्षक ब्रह्मदेव महासेठ,पप्पू पूर्वे सर,चंदन सर ,अरविंद सर सहित सैकड़ों छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।