राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । अक्षय नवमी को लेकर लोगों मे काफी उत्साह देखी जा रही है! यह पर्व कार्तिक मास शुक्ल पक्ष नवमी को मनाई जाती है! इसबार अक्षय नवमी को लेकर कई लोग दुविधा मे है कारण कुछ लोग अक्षय नवमी 5/11/2019 मंगलबार को तो कुछ लोग 6/10/2019 बुधवार को मनाने की तैयारी मे जुटे है! वेसे मिथिला में अधिकतर त्योहार सूर्यउदय मान के अनुसार मनाया जाता है जिस कारण मिथिला क्षेत्रीय पंचांग अनुसार अक्षय नवमी 6/11/2019 बुधवार को मनाया जाएगा! कार्तिक शुक्ल नवमी को अक्षय नवमी कहलाया जाता है! कहा जाता है कि इस दिन किया गया पूजा पाठ का फल अक्षय होता है जिसका क्षय नहीं होता! जगत जननी भगवती की पूजा सविधि विशिष्ट माना गया है, कहीं कहीं इसको दुर्गा पूजा की तरह ही मनाया जाता है! वेसे यह पर्व अब नाम मात्र के लिए ही कुछ लोग मानते है जिस कारण यह पर्व विलुप्त होती दिख रही है! फिर भी मिथिला मे घर घर धात्रिम(अमला) पेड़ के नीचे पूजा पाठ करने के बाद ब्राम्हण भोजन कराने का विधान है! इस तिथि मे लोग अन्न दान का विशेष महत्व देता है! लोगों का य़ह मानना है कि इस दिन का दान अक्षय रहता है जिसका कभी क्षय नहीं होता! भगवान विष्णु के साथ आदि शक्ति जगदंबा लक्ष्मी का निवास इस दिन अमले के पेड़ के नीचे होता है एसा माना गया है! वेसे भी आमला कई प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाने मे सक्षम है! मेरा विस्वास है कि इस दिन अमले के पेड़ के नीचे अक्षय नवमी को पूजा करने के बाद कनकधारा स्त्रोत का पाठ पूर्णिमा दिन तक नित्य करनी चाहिए जिससे निश्चित धन मे वृद्धि देखी जा सकती है और भी सकारात्मक की परिणाम मिलना सम्भव है!
पंकज झा शास्त्री