अमरदीप नारायण प्रसाद
समस्त्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) समस्तीपुर में जेएनयू पर पुलिसिया हमले के खिलाफ इनौस ने निकाला प्रतिरोध मार्च । फीस वृद्धि के खिलाफ लड़ रहे जेएनयू के छात्रों पर मोदी- शाह सरकार के ईशारे पर पुलिस द्वारा लाठी, गोली चलाने के खिलाफ बुधवार को आइसा- इनौस के देशव्यापी अभियान के तहत शहर के मालगोदाम चौक से इनौस ने विरोध मार्च निकाला। अपने हाथों में मांगों से संबंधित नारे लिखे कार्डबोर्ड,झंडे,बैनर लेकर आक्रोश पूर्ण नारे लगाते कार्यकर्ता कृषणा टाकीज रोड, बहादुरपुर, पेठियागाछी,मारवाड़ी बाजार समेत विभिन्न मार्गों का भ्रमण करते हुए स्टेशन चौक पहुंचकर मार्च सभा में तब्दील हो गया। अध्यक्षता इनौस जिलाध्यक्ष रामकुमार संचालन जिला सचिव आशिफ होदा एवं समेत मो० तारे, कृष्ण कुमार, दीलीप कुमार राय, मो० एजाज, नौशाद तौहिदी, अरशद कमाल बबलू, मो० मुन्ना भाई, संतोष कुमार, अमित कुमार, संजय गिरी,अनील चौधरी, मनोज राम, चंद्र वीर कुमार, अनील राम, पप्पू कुमार, बलराम सहनी, पंकज कुमार, मुसाफिर सहनी, हीरा राम, सुनील कुमार राम, सिया लाल महतो,भाकपा माले के सुरेंद्र प्रसाद सिंह, महावीर पोद्दार,अशोक कुमार, मो० अलाउद्दीन,मुन्ना राम, संजय दास, कुंदन कुमार, शिवशंकर सिंह, अविषेक कुमार, विजय कुमार, फूलेंद्र प्रसाद सिंह, फूल बाबू सिंह, अरूण राय, गंगा प्रसाद पासवान,उमेश राय आइसा के सुनील कुमार, सुमन सौरभ आदि ने सभा को संबोधित किया। मौके पर अपने अध्यक्षीय भाषण में रामकुमार ने कहा कि JNU अधिनायकवाद-फासीवाद-सामंती पोंगापंथी प्रतिक्रिया की ताकतों के हर हमले के खिलाफ सुसंगत लोकतांत्रिक विपक्ष है। JNU शिक्षा- रोजगार - लोकतंत्र पर हर हमले के खिलाफ भारतीय छात्र-युवा समुदाय की लड़ाई की अग्रिम चौकी है, उसका अगुआ दस्ता है।
JNU अंधआस्था, व्यक्तिपूजा, जातीय-लैंगिक-साम्प्रदयिक-बहुसंख्यक वादी अवैज्ञानिकता व अमानवीयता के विरुद्ध चिंतन, विचार, आलोचना ,प्रतिवाद और अभिव्यक्ति की आज़ादी का केंद्र है।
फासीवादी अश्वमेघ के घोड़े की राह में JNU बहुत बड़ा रोड़ा है।
इसलिए हुक्मरान येन केन प्रकारेण हमारे इस सर्वोत्कृष्ट शिक्षण संस्थान को कुचल देने पर आमादा हैं-फीस बढ़ाकर, सीट घटाकर, उसे बदनाम कर-देशद्रोह का केंद्र साबित कर और अंततः लाठी गोली के बल पर।
आइये, JNU पर हमले के खिलाफ वहां के बहादुर छात्र-छात्राओं के साथ खड़े हों, ताकि इस देश में हर जुल्म और नाइंसाफी के खिलाफ भारत की विद्रोही चेतना का निर्भय प्रतिवाद व प्रतिरोध देश की राजधानी में अनवरत गूंजता रहे और सत्ता प्रतिष्ठान की नींद हराम करता रहे ।