राजेश कुमार वर्मा संग संजय कुमार
समस्त्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) ।
कानून हुई फेल या सभ्य समाज को जरूरत ही नहीं सभ्य बनने की ।
हर्ष फायरिंग में कैमेरामैन विजय कुमार की मौत ने कई गंभीर प्रश्न खड़ा कर दिया है। यह घटना जहां एक तरफ इस बात का परिचायक है की जिले में पुलिसिया इकबाल समाप्त हो चुका है, वहीं दूसरी तरफ समाज के शिक्षित और संभ्रांत वर्ग की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। जिस लड़के की शादी थी वह खुद रेलवे में इंजीनियर है। बारात में शामिल सभी लोग शिक्षित और सभ्य वर्ग से आते हैं। आखिर कैसे कोई व्यक्ति केवल अपनी दबंगता, आर्थिक संपन्नता के आडंबर को दिखलाने के लिए किसी की जान ले सकता है! आखिर किसने एक व्यक्ति को अधिकार दे दिया की आप अपने रुतबे को प्रदर्शित करने के लिए किसी की जान के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं? यह घटना जहां पर हुई है वह खुद अधिकारी क्लब है, चंद कदम के फासले पर डीआरएम कार्यालय और अनुसूचित जाति/ जनजाति थाना है। 200 मीटर के दायरे में वे सभी प्रशासनिक कार्यालय है, जिसके कंधे पर जिले में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेवारी है।