सुमन सौरभ सिन्हा
समस्त्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । पूर्व मध्य रेलवे के समस्त्तीपुर रेल मंडल में रेलवे के खर्च को कम करने के लिए समस्तीपुर रेल मंडल के करीब एक हजार रेल कर्मियों को घर का रास्ता दिखाया जा सकता है। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर मंडल की तीन सदस्यीय सर्विस रिव्यू कमेटी ने विभिन्न विभागों के करीब 1000 रेल कर्मियों की सूची बनाई है। जिन्होंने 30 वर्ष की नौकरी पूरी कर ली है अथवा उनकी उम्र 55 वर्ष हो गई है। सीनियर डीपीओ ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि सर्विस रिव्यू का नियम पूर्व में भी था लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अब रेलवे बोर्ड ने इस नियम का कराई से पालन का आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि रिव्यू कमेटी द्वारा बनाई गई सूची के कर्मचारियों के कार्य की विभाग के हिसाब से समीक्षा होगी। समीक्षा के दौरान यह लगेगा कि अमुक कर्मचारी की रेलवे को जरूरत नहीं है तो वैसे कर्मचारियों को बिना कोई चार्जशीट दिए वीआरएस दे दिया जाएगा।
सीबीआई, विजिलेंस केस व पूर्व से दागी रहे कर्मियों की होगी छुट्टी पहले चरण में वैसे कर्मियों के कार्य की समीक्षा होगी, जिन पर पूर्व में सीबीआई व विजिलेंस में केस है। लापरवाही को लेकर चार्जशीट मिल चुकी है तो वैसे कर्मचारियों को पहले बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। दूसरे चरण में बीमार व किसी कारण से दिव्यांग हो चुके कर्मचारियों को कार्य की समीक्षा कर वीआरएस दिया जा सकता है।
मैकनिकल सीएंड डब्लू के 286 हैं कर्मचारी :
रेलवे हजार रेल कर्मियों के कार्य की समीक्षा होनी है। सबसे अधिक 286 रेल कर्मी मैकनिकल सीएंड डब्लू के हैं। इसके अलावा परिचालन विभाग के 165, वाणिज्य विभाग के 159, इंजीनियरिंग के 49, मैकनिकल के 152, डीजल शेड के 86, कार्मिक विभाग के 32 के अलावा अन्य हैं। समस्त्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।