रोहित कुमार सोनू
मिथिला हिन्दी न्यूज :- देश के सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों द्वारा हाल के वर्षों में सारी आलोचनाओं को ठेंगा दिखाकर कर ली गई अंधाधुंध बढ़ोत्तरियों (सांसदों के संदर्भ में छह सालों में चार गुनी) से पहले तक हम उनके वेतन-भत्तों पर खूब बातें किया करते थे. देश में इस बात पर भी काफी बार विवाद रहता है कि जो व्यक्ति एक बार नेता बन जाता है उसे जिंदगी भर सरकारी पेंशन भी दी जाती है लेकिन आज हम आपको एक ऐसे बिहारी नेता के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने पिछले 17 सालों से कोई भी वेतन नहीं लिया है. जिस बिहारी नेता के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं उनका घर मिथिलांचल के सीतामढ़ी और बिहार के तिरहुत स्नातक निर्दलीय विधान पार्षद है और उनका नाम है देवेश चन्द्र ठाकुर . गरीबों के कल्याण के लिए पिछले 17 साल से वेतन के नाम पर एक भी पैसा नहीं ले रहे हैं, बल्कि वो इसे गरीबों के लिए डोनेट कर देते हैं। देवेश चन्द्र ठाकुर ने विभिन्न मंचों पर करोड़पति सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों का आह्वान किया था कि वे सब भी देश हित तथा गरीबों के कल्याण के लिए अपने वेतन छोड़ दें। उनका मानना है कि राजनीति पैसा कमाने का जरिया नहीं है, बल्कि राजनीति सेवा करने का साधन और रास्ता है। उनका मानना है कि यहां से बड़ी सेवा की जा सकती है। जरुरतमंद लोगों को मदद की जा सकती है। वहां के लोगों के अनुसार 17 साल विधान पार्षद के सफर में ऐसा ही किया है और इसकी वजह है कि इन्होंने अपने आप से ये वादा किया था कि वो अपने राजनीतिक जीवन में कभी भी सरकारी पैसा नहीं लेंगे।
गरिब लोगों को करते हैं खूब मदद
विधान पार्षद देवेश चन्द्र ठाकुर बिहार में विभिन्न क्षेत्रों में आते जाते रहते हैं। सैकड़ो कैंसर पीड़ित को नि:शुल्क इलाज महाराष्ट्र में करवाया है। उनका कहना है कि देश के किसान और जवान दोनों स्वस्थ और बढ़िया होने चाहिए। हर लिहाज से उनकी परेशानी दूर होनी चाहिए। अगर गरीबों और किसानों की परेशानी दूर होगी, तो ही देश का विकास हो सकेगा।अगर देश में सभी नेता देवेश चन्द्र ठाकुर की तरह ईमानदार हो जाए तो देश को तरक्की करने से कोई भी नहीं रोक सकता है.