यह सूर्य ग्रहण पौष मास, कृष्ण पक्ष, अमावस्या तिथि और मुल नक्षत्र में लग रही है ! साथ ही 144 वर्ष बाद महा संयोग बन रहा है यह धनु राशि मे लगेगा ।
राजेश कुमार वर्मा
दरभंगा/मधुबनी, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । मधुबनी जिला निवासी ज्योतिष पंकज झा शास्त्री के कथनानुसार
इस वर्ष का आखिरी खण्ड सूर्य ग्रहण 26 दिसम्बर 2019 गुरुवार को लग रही है ! यह सूर्य ग्रहण पौष मास, कृष्ण पक्ष, अमावस्या तिथि और मुल नक्षत्र मे लग रही है! साथ ही 144 वर्ष बाद महा संयोग बन रहा है यह धनु राशि मे लगेगा जिसमें सूर्य के अलावा गुरु, शनि, चंद्रमा और केतु पहले से ही उपस्थित है!
ज्योतिष की माने तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर अलग अलग निश्चित रूप से पड़ेगा!
खास बात यह है कि बालयाकार सूर्य ग्रहण होगा जो सूर्य एक आग की अंगुठी की तरह दिखेगा बहुत कम देखने को मिलता है! यह सूर्य ग्रहण भारत समेत श्री लंका, सऊदी अरब, सुमात्रा तथा विश्व के कई हिस्सों मे देखने को मिलेगा! बालया कार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चन्द्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आने के वाबजूद भी पृथ्वी को पूरी तरह अपनी छाया मे नही ले पाता जिस कारण सूर्य का बाहरी हिस्सा प्रकाशित रह जाता है!
जैसे कि हम सभी जानते है कि पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है वहीं चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर काटता है! इसी प्रक्रिया मे जब चंद्रमा सूर्य और धरती के बीच आकर सूर्य की रोशनी को धरती पर आने से रोक देता है तो इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है, यह घटना अक्सर अमावस्या के दिन ही घटित होती है! चंद्रमा जब इस प्रक्रिया के दौरान सूर्य के कुछ ही भाग को ढक पाता है तो तब आंशिक सूर्य ग्रहण लगता है, वहीं जब चंद्रमा सूर्य के करीब 97%भाग को ढक लेता है तो इसको वालियाकार सूर्य ग्रहण कहते है जो कम देखने को मिलता है!
इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव 12 राशियों पर इस प्रकार पर सकता है जैसे -
मेष - माननाश, वृष - कष्ट, मिथुन - स्त्री पीड़ा, कर्क - सुख, सिंह - चिंता, कन्या - व्यथा, तुला - श्री:, वृश्चिक - क्षति:, धनु - घात:, मकर - हानि:, कुम्भ - लाभ, मीन - सुख! उपरोक्त राशि फल का संकेत ग्रहण लगने के कुछ दिन पहले से ग्रहण के कुछ दिन बाद तक भी दिख सकता है!
मिथिला क्षेत्रीय पंचांग अनुसार सूर्य ग्रहण स्पर्श 26 दिसंबर 2019 गुरुवार को दिन के 08:25 मिनट से, मोक्ष दिन के 11:17 मिनट तक!
सूतक प्रारम्भ 25 दिसंबर 2019 बुधवार के शाम में 05:31 बजे !
ध्यान देने योग्य बात यह है कि ग्रहण काल मे अन्न ग्रहण न करें, मल मूत्र त्याग न करें!
रोगी, बुजुर्ग, बच्चे पर उपरोक्त की जरूरत नहीं! गर्भवती महिलाएं भगबान विष्णु का नाम ग्रहण के समय जरूर ले तथा इस दौरान बंद कमरे मे रहे तो उचित होगा! अन्य लोग महामृत्युंजय का बीज मंत्र जरूर जाप करें! यदि अति आवश्यक परिस्थिति मे यात्रा करना हो तो कुश जरूर अपने साथ रखे! जो कई नकारात्मक प्रभाव से बचाने मे सम्भव हो सकता है!
नोट - उपरोक्त समयसारणी में अपने अपने क्षेत्रीय पंचांग के अनुसार समय मे कुछ अन्तर हो सकता है! समस्त्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा