रोहित कुमार सोनू
आप कभी बिहार के नाम सुनने को मिलता होगा तो आपके मन में 3-4 बातें ही दिमाग़ में आयेंगी . IAS, लिट्टी-चोखा, गोली बंदूक, लेकिन आज हम आपको बता दें कि बांका जिले के एक गांव ने एक ऐसी मिसाल पेश की है जो अमूनन बिहार जैसे राज्य के लिए असंभव सा लगता है। इस गांव में किसी भी शख्स के खिलाफ पिछले 50 सालों में एक भी आपराधिक केस दर्ज नहीं हुआ है। जमुआ गांव की आबादी लगभग 700 है. ज़्यादातर कुशवाहा और यादव समुदाय के लोग रहते हैं. यदि कोई झगड़ा हो जाता है
ऐसे में ग्राम समिति ने दो पक्षों को साथ बैठाकर इस मामले को हल कर दिया जाता है .गांव वालों का कहना है कि 'इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी. पिछले पांच दशकों में न तो कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है और न ही कोई शिकायत स्थानीय अदालत में पहुंची है'
आप कभी बिहार के नाम सुनने को मिलता होगा तो आपके मन में 3-4 बातें ही दिमाग़ में आयेंगी . IAS, लिट्टी-चोखा, गोली बंदूक, लेकिन आज हम आपको बता दें कि बांका जिले के एक गांव ने एक ऐसी मिसाल पेश की है जो अमूनन बिहार जैसे राज्य के लिए असंभव सा लगता है। इस गांव में किसी भी शख्स के खिलाफ पिछले 50 सालों में एक भी आपराधिक केस दर्ज नहीं हुआ है। जमुआ गांव की आबादी लगभग 700 है. ज़्यादातर कुशवाहा और यादव समुदाय के लोग रहते हैं. यदि कोई झगड़ा हो जाता है
ऐसे में ग्राम समिति ने दो पक्षों को साथ बैठाकर इस मामले को हल कर दिया जाता है .गांव वालों का कहना है कि 'इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी. पिछले पांच दशकों में न तो कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है और न ही कोई शिकायत स्थानीय अदालत में पहुंची है'