रोहित कुमार सोनू
छात्रों को हैरत में डालने वाली खबर है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (CBSE) ने सभी विद्यालयों को निर्देश जारी कर कहा है कि फरवरी 2020 में शुरू होने वाली परीक्षाओं में उन्हीं परीक्षार्थियों को शामिल किया जाएगा जिनकी अटेंडेंस 75 फीसदी से अधिक हो। सीबीएसई ने इस संबंध में स्कूलों को दिशा निर्देश जारी किया। इससे पहले सीबीएसई बोर्ड ने जुलाई 2018 में इस संबंध में नोटिसफिकेशन जारी किया था जिसे अब दोबारा जारी किया है। इसमें बताया गया है कि जिन परीक्षार्थियों की हाजिरी 75 फीसदी से कम है उन्हें किन-किन कारणों से परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है।बोर्ड ने सभी स्कूलों से अपने यहां के छात्रों की वार्षिक उपस्थिति प्रतिशत भेजने को कहा है जिससे कि कम उपस्थिति वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा में बैठने से रोका जा सके। स्कूल को यह भी बताना होगा कि छात्र की उपस्थिति किन कारणों से कम हुई है।ऐसे में अगर स्टूडेंट लंबे समय तक बीमार होने की वजह से अनुपस्थित रहा हो तो अभिभावकों की पूर्व अपील, सरकारी चिकित्सक का प्रमाण-पत्र और सभी मेडिकल जांच आदि प्रस्तुत करना होगा। वहीं, करीबी रिश्तेदार, माता-पिता की मौत अथवा अन्य दुर्घटना पर मृत्यु प्रमाण-पत्र और संबंधित स्कूल की अनुशंसा को प्रस्तुत करना पड़ेगा।
छात्रों को हैरत में डालने वाली खबर है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (CBSE) ने सभी विद्यालयों को निर्देश जारी कर कहा है कि फरवरी 2020 में शुरू होने वाली परीक्षाओं में उन्हीं परीक्षार्थियों को शामिल किया जाएगा जिनकी अटेंडेंस 75 फीसदी से अधिक हो। सीबीएसई ने इस संबंध में स्कूलों को दिशा निर्देश जारी किया। इससे पहले सीबीएसई बोर्ड ने जुलाई 2018 में इस संबंध में नोटिसफिकेशन जारी किया था जिसे अब दोबारा जारी किया है। इसमें बताया गया है कि जिन परीक्षार्थियों की हाजिरी 75 फीसदी से कम है उन्हें किन-किन कारणों से परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है।बोर्ड ने सभी स्कूलों से अपने यहां के छात्रों की वार्षिक उपस्थिति प्रतिशत भेजने को कहा है जिससे कि कम उपस्थिति वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा में बैठने से रोका जा सके। स्कूल को यह भी बताना होगा कि छात्र की उपस्थिति किन कारणों से कम हुई है।ऐसे में अगर स्टूडेंट लंबे समय तक बीमार होने की वजह से अनुपस्थित रहा हो तो अभिभावकों की पूर्व अपील, सरकारी चिकित्सक का प्रमाण-पत्र और सभी मेडिकल जांच आदि प्रस्तुत करना होगा। वहीं, करीबी रिश्तेदार, माता-पिता की मौत अथवा अन्य दुर्घटना पर मृत्यु प्रमाण-पत्र और संबंधित स्कूल की अनुशंसा को प्रस्तुत करना पड़ेगा।