पप्पू कुमार पूर्वे पत्रकार
मिथिला संस्कृति को बचाने की कवायद की पहल है ये मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल।
पिछले साल से बड़ा और बेहतर रहा इस बार का आयोजन।आयोजन समिति के द्वारा इस बार मिथिला की संस्कृति और परंपरा को निखारने के काम किया गया है।
जानकारी देते हुए कमिटी की मुख्य सविता झा ने बताया कि ये एक छोटी से पहल स्वरूप है हमारी धरोहर को बचाने की। इस बार इसका विस्तार भी किया गया। सुप्रसिद्ध रहिका के सौराठ में भी इसका एकदिवसीय आयोजन किया गया। अगली बार इस से ओर बेहतर आयोजन किया जाएगा।
इस कमिटी के सदस्य सह राजनगर राज इस्तिथ विएसजे कॉलेज के प्रधायापक ने बताया कि यह अपने आप मे एक अनूठा ओर मजबूत पहला है हमारी संस्कृति को बचाने और निखारने को। इस बार स्थानीय चीजों को फोकस कर काम किया गया था।
मिथिला संस्कृति को बचाने की कवायद की पहल है ये मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल।
पिछले साल से बड़ा और बेहतर रहा इस बार का आयोजन।आयोजन समिति के द्वारा इस बार मिथिला की संस्कृति और परंपरा को निखारने के काम किया गया है।
जानकारी देते हुए कमिटी की मुख्य सविता झा ने बताया कि ये एक छोटी से पहल स्वरूप है हमारी धरोहर को बचाने की। इस बार इसका विस्तार भी किया गया। सुप्रसिद्ध रहिका के सौराठ में भी इसका एकदिवसीय आयोजन किया गया। अगली बार इस से ओर बेहतर आयोजन किया जाएगा।
इस कमिटी के सदस्य सह राजनगर राज इस्तिथ विएसजे कॉलेज के प्रधायापक ने बताया कि यह अपने आप मे एक अनूठा ओर मजबूत पहला है हमारी संस्कृति को बचाने और निखारने को। इस बार स्थानीय चीजों को फोकस कर काम किया गया था।