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लापरवाही परिवहन विभाग की जुर्माना भर रहे वाहन मालिक


आसीफ़ रजा 
           
मुजफ्फरपुर/समस्त्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । लापरवाही परिवहन विभाग की जुर्माना भर रहे वाहन मालिक । वाहन एजेंसियों और परिवहन विभाग की लापरवाही के कारण नए वाहन खरीदने वालों को जुर्माना भरना सड़क मार्ग में
पड़ रहा है। एजेंसियां नए नियम के विरुद्ध हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट लगाए बिना ही वाहन बेच दे रही हैं। ऐसे वाहन खरीदने वालों से परिवहन विभाग नए नियम के तहत नंबर प्लेट नहीं होने के कारण 5-5 हजार रुपए जुर्माना वसूल रहा है। हर दिन ऐसे वाहन स्वामी बड़ी संख्या में डीटीओ ऑफिस पहुंच कर विरोध जता रहे हैं। सवाल उठता है कि इसके लिए आखिर जिम्मेदार कौन है..? बिना नंबर प्लेट लगाए वाहन बेचने वाली एजेंसियां या परिवहन विभाग, इसका बात का कोई जवाब नहीं देता। जिले में 29 एजेंसियों के पास सैकड़ों ऐसे मामले लंबित हैं। लोगों की शिकायत है कि महीनों बीत जाने के बाद भी हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट नहीं मिले हैं। एजेंसी द्वारा हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाए जाने की बड़ी संख्या में शिकायत के बाद डीटीओ ने प्रधान सचिव को खानापूर्ति के लिए कार्रवाई का पत्र लिखा है। इसमें जिले की 29 एजेंसियों के यहां लंबित सभी मामलों का जिक्र है। सैकड़ों वाहनों को नहीं मिला है हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट
ब्रह्मपुरा के सत्यम कुमार सिंह ने 25 नवंबर को बाइक खरीदी। एजेंसी से एक सप्ताह में नंबर प्लेट देने की बात कही गई। लेकिन, नहीं मिला। 7 दिसंबर को मोती झील पुल पर जांच के दौरान गाड़ी पकड़ी गई। हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट नहीं होने के कारण 5000 रुपए जुर्माना लगा। ब्रह्मपुरा के सत्यम कुमार सिंह ने 25 नवंबर को बाइक खरीदी। एजेंसी से एक सप्ताह में नंबर प्लेट देने की बात कही गई। लेकिन, नहीं मिला। 7 दिसंबर को मोतीझील पुल पर जांच के दौरान गाड़ी पकड़ी गई। हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट नहीं होने के कारण 5000 रुपए जुर्माना लगा। मुशहरी के रामबालक शर्मा ने 02 दिसंबर को बाइक खरीदी। हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट लगाए बिना ही एजेंसी ने डिलेवरी दे दी। जांच के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने सरैयागंज टावर पर पकड़ और लाल चालान काट दिया। चालान लेकर डीटीओ ऑफिस पहुंचे, तो 5500 रुपए जुर्माना भरना पड़ा।
बेचे जाने वाले वाहन का विवरण पटना स्थित एजेंसी को ऑनलाइन भेजने का प्रावधान है। सॉफ्टवेयर के जरिए वाहन एजेंसियां और प्लेट बनाने वाली एजेंसी जुड़ी हुई हैं। जैसे ही डाटा सॉफ्टवेयर में भरा जाता है सिस्टम के तहत यह पटना स्थित एजेंसी को मिल जाता है। उसे हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट तत्काल बनाना होता है और 24 घंटे के अंदर संबंधित वाहन एजेंसी तक पहुंचाना होता है। फिर नंबर प्लेट वाहन में पंच कर ही एजेंसियों से खरीदने वालों को देने का प्रावधान है।
वाहन खरीदने वाले को बिना हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट पंच किए गाड़ी सड़क पर नहीं उतारनी चाहिए। नंबर प्लेट के बगैर पकड़े जाने पर जुर्माना देना ही होगा। वाहन एजेंसियों में लंबित नंबर प्लेट को लेकर प्रधान सचिव से कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। समस्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा द्वारा संप्रेषित।

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