रोहित कुमार सोनू
पिछले कुछ दिनों से सलाद और सब्जी से गायब हुई प्याज एक बार फिर से आम आदमी की पहुंच में आ सकती है। इसकी वजह प्याज के दामों में गिरावट आना है। प्याज के भाव मंडी के साथ ही छोटे बाजारों में भी कम हो गये। दरअसल बारिश के चलते फसल खराब होने और आयात में देरी व काला बाजारी के चलते प्याज के दाम तेजी से बढ़ गये थे। बिहार के प्रत्येक जिले कई इलाकों में प्याज सौ से डेढ़ रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी। प्याज के दाम कम करने को लेकर सरकार और जिला प्रशासन का दावा फेल होता दिखाई दिया। वही बढ़ती प्याज की कीमतों को देखते हुए लोगों ने खरीदना बंद करने के साथ ही कम कर दिया था। उधर अफगानिस्तान से लेकर मिस्र के देश से प्याज का आयात शुरू हो गया है। जिसे प्याज की दामों में गिरावट आ गई है।
पिछले कुछ दिनों से सलाद और सब्जी से गायब हुई प्याज एक बार फिर से आम आदमी की पहुंच में आ सकती है। इसकी वजह प्याज के दामों में गिरावट आना है। प्याज के भाव मंडी के साथ ही छोटे बाजारों में भी कम हो गये। दरअसल बारिश के चलते फसल खराब होने और आयात में देरी व काला बाजारी के चलते प्याज के दाम तेजी से बढ़ गये थे। बिहार के प्रत्येक जिले कई इलाकों में प्याज सौ से डेढ़ रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी। प्याज के दाम कम करने को लेकर सरकार और जिला प्रशासन का दावा फेल होता दिखाई दिया। वही बढ़ती प्याज की कीमतों को देखते हुए लोगों ने खरीदना बंद करने के साथ ही कम कर दिया था। उधर अफगानिस्तान से लेकर मिस्र के देश से प्याज का आयात शुरू हो गया है। जिसे प्याज की दामों में गिरावट आ गई है।