रोहित कुमार सोनू
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कल यानी गुरुवार 26 दिसंबर को लगेगा. इससे पहले आज रात से सूतक काल लगेगा. इस दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 'रिंग ऑफ फायर' की तरह लगेगा. इससे पहले शुरु होने वाला सूतक काल सूर्य ग्रहण से बारह घंटे पहले शुरु होगा. सूतक काल आज रात यानी 25 दिसम्बर की रात 8:17 पर शुरु होगा.
सूर्य, बुध, शुक्र और चंद्र साथ बैठे हैं. गुरु का बल इनको मिला है लेकिन बाकी सारे ग्रह मंगल, शनि, राहु केतु यानी पृथ्वी के एक तरफ आ गए हैं. इससे पृथ्वी पर इन ग्रहों का गुरूत्वाकर्षण बल बहुत ज़्यादा ही काम करेगा. ऐसे में भूकम्प , या धरती के हिलने या कोई अन्य प्राकृतिक खतरा होने की आशंका व्यक्त की जा रही है तो हमें सतर्कता और सावधानी बरतनी चाहिए. वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहण शतभिषा नक्षत्र और कुंभ राशि में लगने के कारण इससे संबंधित लोगों को ज्यादा प्रभावित करेगा.
शास्त्र में कुछ ऐसे काम बताए गए है जो ग्रहण के समय नहीं करना चाहिए. अगर आपने ये काम किए तो आपको कई परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी के उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव प्रभावित होते हैं. इसलिए यह अवधि ऋणात्मक मानी जाती है. सूर्य से अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं, जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए सूर्यग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है.
सूर्य ग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. इसको देखने के लिए वैज्ञानिक प्रमाणित टेलिस्टकोप का ही इस्तेमाल करना चाहिए. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए वैसे चश्में का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें अल्ट्रावॉयलेट किरणों को रोकने की क्षमता हो.
- सूतक समय के बाद स्वयं भी स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, तथा देवमूर्तियोम को स्नान करा कर, गंगाजल छिडक कर, नवीन वस्त्र पहनाकर, देवों का श्रंगार करना चाहिए.
- सूर्य ग्रहण काल शुरू होने से समाप्ति के मध्य की अवधि में मंत्र ग्रहण, मंत्रदीक्षा, जप, उपासना, पाठ, हवन, मानसिक जाप, चिन्तन करना कल्याणकारी होता है.
- सूर्य ग्रहण के बाद इन तुलसी और शमी पर भी गंगाजल छिड़क इन्हें शुद्ध किया जाता है.
- सूर्य ग्रहण में अपने इष्ट देव, मंत्र, गुरु मंत्र, गायत्री मंत्र आदि का जप दीपक जला कर करना चाहिए.
- मंत्रों की सिद्धि के लिये यह समय सर्वथा शुभ होता है.
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कल यानी गुरुवार 26 दिसंबर को लगेगा. इससे पहले आज रात से सूतक काल लगेगा. इस दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 'रिंग ऑफ फायर' की तरह लगेगा. इससे पहले शुरु होने वाला सूतक काल सूर्य ग्रहण से बारह घंटे पहले शुरु होगा. सूतक काल आज रात यानी 25 दिसम्बर की रात 8:17 पर शुरु होगा.
सूर्य, बुध, शुक्र और चंद्र साथ बैठे हैं. गुरु का बल इनको मिला है लेकिन बाकी सारे ग्रह मंगल, शनि, राहु केतु यानी पृथ्वी के एक तरफ आ गए हैं. इससे पृथ्वी पर इन ग्रहों का गुरूत्वाकर्षण बल बहुत ज़्यादा ही काम करेगा. ऐसे में भूकम्प , या धरती के हिलने या कोई अन्य प्राकृतिक खतरा होने की आशंका व्यक्त की जा रही है तो हमें सतर्कता और सावधानी बरतनी चाहिए. वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहण शतभिषा नक्षत्र और कुंभ राशि में लगने के कारण इससे संबंधित लोगों को ज्यादा प्रभावित करेगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान ना करें ये गलतियां-
शास्त्र में कुछ ऐसे काम बताए गए है जो ग्रहण के समय नहीं करना चाहिए. अगर आपने ये काम किए तो आपको कई परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी के उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव प्रभावित होते हैं. इसलिए यह अवधि ऋणात्मक मानी जाती है. सूर्य से अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं, जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए सूर्यग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है.
सूर्य ग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. इसको देखने के लिए वैज्ञानिक प्रमाणित टेलिस्टकोप का ही इस्तेमाल करना चाहिए. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए वैसे चश्में का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें अल्ट्रावॉयलेट किरणों को रोकने की क्षमता हो.
ग्रहण काल में क्या करें?
- सूतक समय के बाद स्वयं भी स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, तथा देवमूर्तियोम को स्नान करा कर, गंगाजल छिडक कर, नवीन वस्त्र पहनाकर, देवों का श्रंगार करना चाहिए.
- सूर्य ग्रहण काल शुरू होने से समाप्ति के मध्य की अवधि में मंत्र ग्रहण, मंत्रदीक्षा, जप, उपासना, पाठ, हवन, मानसिक जाप, चिन्तन करना कल्याणकारी होता है.
- सूर्य ग्रहण के बाद इन तुलसी और शमी पर भी गंगाजल छिड़क इन्हें शुद्ध किया जाता है.
- सूर्य ग्रहण में अपने इष्ट देव, मंत्र, गुरु मंत्र, गायत्री मंत्र आदि का जप दीपक जला कर करना चाहिए.
- मंत्रों की सिद्धि के लिये यह समय सर्वथा शुभ होता है.