राजेश कुमार वर्मा
समस्त्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । शहीद खुदीराम बोस ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपनी पहली शहादत से पुरे देश के नौजवानों में क्रान्ति की लहर पैदा कर दी। यह चिंगारी बाद में चलकर ज्वाला बनी और ब्रिटिश हुकुमत को अंतत: जाना ही पड़ा। महज 18 वर्ष की अवस्था में दिये गये उनके बलिदान ने देश के नौजावानों में गुस्से का अंगार भर दिया। यह कहना है राजद के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन का ।
वो आज समस्तीपुर शहर के धरमपुर में एक निजी शिक्षण संस्थान में आयोजित "खुदीराम बोस जयंती समारोह " पर उन्हें नमन करने के उपरांत लोगों को संबोधित करते हुऐ कहा कि देश अपने इन क्रान्ति वीरों के त्याग व बलिदान को कभी नही भुलेगा। उन्होंने कहा कि शहीद खुदीराम बोस देश के जंग-ए-आजादी के महानायक थे। जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता की क्रांतिकारी धारा में त्याग व बलिदान का जज्बा पैदा कर आजादी की लड़ाई में अपनी जान न्योछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि इनकी शहादत ने देशवासियों में आजादी की ललक पैदाकर स्वाधीनता आंदोलन को बल प्रदान किया। विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने खुदीराम बोस के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खुदीराम बोस की शहादत के चालीस वर्षो के बाद भारत ने राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त की, लेकिन आज भी खुदीराम बोस का सपना साकार नहीं हुआ है। अन्याय और शोषण पर आधारित जनविरोधी व गरीब विरोधी बिहार की नीतीश सरकार और केन्द्र की मोदी सरकार की शासन व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष के लिए खुदीराम बोस के जीवन से प्रेरणा लेना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि तरूण क्रांतिकारी अमर शहीद खुदीराम बोस एक सच्चे नायक थे। उन्होंने समता मूलक समाज का सपना देखा था l नफरत व घृणा की राजनीति करने वाली केंद्र की भाजपा सरकार की वजह से आज गरीबो की आज़ादी, लोकतंत्र व संविधान खतरे में है l
"जयंती समारोह" की अध्यक्षता जिला राजद प्रवक्ता राकेश कुमार ठाकुर, संचालन जिला राजद सचिव राकेश यादव और धन्यवाद् ज्ञापन जिला राजद उपाध्यक्ष मोहम्मद अरमान सदरी ने की ।