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निजी चिकित्सकों का टी० बी० विषय पर कार्यशाला आईएमए ने आयोजित किया


राजेश कुमार वर्मा

समस्त्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । 
 समस्त्तीपुर शहर स्थित आईएमए भवन समस्तीपुर के सभागार में निजी चिकित्सकों का टीवी विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला का उद्घाटन डॉक्टर राम प्रसाद सीडीओ समस्तीपुर डॉक्टर आरएन सिंह अध्यक्ष आई एम ए, डॉ० यू एस प्रसाद सचिव आइएमए, डॉ० सुप्रियो मुखर्जी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया । इस अवसर पर उपस्थित डॉ आरएन सिंह अध्यक्ष आईएमए ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक टीवी का उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा गया है । और यह तभी संभव है जब निजी चिकित्सकों का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा हो सकेगा उन्होंने बताया कि एक सर्वे के मुताबिक 60% टी० बी० मरीज प्राइवेट सेक्टर के अधीन है। जिसे सरकारी बेवसाइट में अधिसूचित करना जरूरी है, ताकि टी० बी० रोगियों का निदान, औषधी प्रबंधन तथा रोग संचरण की रोकथाम किया जा सके । इस अवसर पर उपस्थित डॉ० सुप्रीयो मुखर्जी, चेयरमैन साईंटिफिक कमिटी आईएमए द्वारा बताया गया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2012 में सभी निजी चिकित्सकों को टी० बी० के मरीजों के नोटिफिकेशन हेतु अधिसूचना लाया गया है । जिसके अन्तर्गत टी० बी० मरीजों के नोटिफिकेशन करना जरुरी है । उन्होंने आगे बताया कि सरकार द्वारा मरीजों के नोटिफिकेशन के उपरांत पोषण योजना के तहत राशि भी उपलब्ध करायी जा रही है । जिसमें मरीजों का भी सहयोग मिल रहा है। वहीं डॉ0 श्रीराम प्रसाद सीडीओ समस्त्तीपुर ने बताया कि अधुरे एंव अनियमित इलाज के कारण टी० बी० के जीवाणु एक या अधिक दवाओं के प्रति रेजिडेंट्स हो रहे हैं और प्रयुक्त दवा बेअसर हो रही है । जो चिंता का विषय है । इसलिए ये जरूरी है कि मरीज को पुरा कोर्स दिया जा सके । ताकि ड्रग रेजिडेंट्स टी० बी० को कम किया जा सके । डेली रेजीमेंट पर चर्चा करते हुए कहा कि अब बिहार में भी टी० बी० मरीजों का उपचार डेली रेजिमन के माध्यम से किया जा रहा है । जो प्राइवेट सेक्टर के मरीज के लिए भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि अगर निजी चिकित्सकों से मरीजों को सीबीनैट जांच कराने का अनुरोध करते हुऐ कहा कि इससे टी० बी ० बीमारी के साथ रिफाम्पिसिन रेजिस्टन्स की भी जानकारी मिलती हैं। जो मरीज के इलाज के लिए कारगर है । उनके द्वारा वर्ष 2019 का डाटा के अनुसार बताया गया कि सरकार द्वारा वर्ष 2019 में 8600 टी० बी० के अभी तक कुल 6910 केस का नोटिफिकेशन किया गया है। जिसमें पब्लिक से 4413 एंव प्राइवेट से मात्र 1497 है जो लक्ष्य से बहुत ही कम है । पकड़ में आए कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत डॉक्टर यू० एस० प्रसाद सचिव आईएमएफ द्वारा स्वागत भाषण से किया गया तथा टीवी उन्मूलन हेतु प्राइवेट चिकित्सकों की भूमिका विषय पर प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया गया । जिसका नोटिफिकेशन नहीं किया गया ऐसी स्थिति में हम सभी चिकित्सकों का यह दायित्व बनता है कि वैसे केस को चिन्हित कर नोटिफिकेशन करना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर उपस्थित चन्दन कुमार सीटी ऑफिसर, जीत प्रोजेक्ट ने कार्यशाला के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य निजी क्षेत्र के मरीजों को सरकार के बेवपटल पर सूचिबद्ध कर उन्हें सरकार द्वारा प्राप्त सुविधाओं से जोड़ना है । ताकि सरकारी सुविधाओं का लाभ उन्हें मिल सकें । उक्त अवसर डॉ० पी० के ० दास, डॉ० सुष्मिता मुखर्जी, डॉ० शारदा ठाकुर, डॉ० ए० के० ठाकुर, डॉ० श्रीराम प्रसाद, डॉ० एन० के० भारतीय, डॉ० ,नैन्सी भारतीय, डॉ० शवनम गुप्ता, डॉ० एसी सिन्हा, डॉ० डी० के ० मिश्रा, डॉ० मंजूला, डॉ० विवेक कुमार, डॉ० महेश कुमार ठाकुर, डॉ० एन आर के सिन्हा, डॉ० उपेंद्र सिंह, डॉ० निहाल फारुकी, डॉ० ए० के० कंठ इत्यादि सहित सैकड़ों चिकित्सक उपस्थित हुऐ । समस्त्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा

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