रोहित कुमार सोनू
लहसुन का आयात कम होने के कारण लहसुन की दर में बढ़ोत्तरी हुई है। होलसेल बाजार में बेचा जानेवाला 200 रुपए किलो का लहसुन फुटकर बाजार में 250 रुपए किलो बिक रहा हैं इसलिए अब दाल में लहसुन का तड़का लगाने के लिए महंगे दाम चुकाने होंगे।लहसुन का आयात कम होने के कारण होलसेल बाजार में इसकी कीमत 200 रुपए किलो तक पहुंच चुकी है। कृषि उत्पन्न बाजार समिति बाजार में चीन से लहसुन आयात किया जाता है जो कि आकार में हिंदुस्थानी लहसुन से बड़ा होता है, जिसे चायना लहसुन का नाम दिया गया है। आम नागरिक इस लहसुन को अधिक पसंद कर रहे हैं। यह लहसुन होलसेल बाजार में 180 रुपए किलो की दर से बेचा जा रहा है।
होलसेल बाजार में लहसुन की कीमत 200 रुपए के ऊपर जाते ही फुटकर बाजार में 250 रुपए किलो तक बेची जाती है। आम जनता अपने रोजाना के आहार में लहसुन का उपयोग करती है। लहसुन का दाम बढ़ने से आम जनता को भोजन का स्वाद बरकरार रखने के लिए अधिक पैसे चुकाने पड़ रहा हैं।
लहसुन का आयात कम होने के कारण लहसुन की दर में बढ़ोत्तरी हुई है। होलसेल बाजार में बेचा जानेवाला 200 रुपए किलो का लहसुन फुटकर बाजार में 250 रुपए किलो बिक रहा हैं इसलिए अब दाल में लहसुन का तड़का लगाने के लिए महंगे दाम चुकाने होंगे।लहसुन का आयात कम होने के कारण होलसेल बाजार में इसकी कीमत 200 रुपए किलो तक पहुंच चुकी है। कृषि उत्पन्न बाजार समिति बाजार में चीन से लहसुन आयात किया जाता है जो कि आकार में हिंदुस्थानी लहसुन से बड़ा होता है, जिसे चायना लहसुन का नाम दिया गया है। आम नागरिक इस लहसुन को अधिक पसंद कर रहे हैं। यह लहसुन होलसेल बाजार में 180 रुपए किलो की दर से बेचा जा रहा है।
होलसेल बाजार में लहसुन की कीमत 200 रुपए के ऊपर जाते ही फुटकर बाजार में 250 रुपए किलो तक बेची जाती है। आम जनता अपने रोजाना के आहार में लहसुन का उपयोग करती है। लहसुन का दाम बढ़ने से आम जनता को भोजन का स्वाद बरकरार रखने के लिए अधिक पैसे चुकाने पड़ रहा हैं।