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बिहार के निजी अस्पताल में बच्चा बेचने के धंधे का भंडाफोड़, संचालक समेत चार गिरफ्तार


राजेश कुमार वर्मा संग आसीफ़ रजा



                                मुजफ्फरपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । अहियापुर के निजी अस्पताल में बच्चा बेचने के धंधे का भंडाफोड़, संचालक समेत चार गिरफ्तार ।
मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर थानाक्षेत्र के एक निजी अस्पताल से चोरी के बच्चों को बेचने के धंधे का भंडाफोड़ बुधवार को मुजफ्फरपुर और भागलपुर रेल पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में हुआ है। इसके बाद पुलिस ने अहियापुर के भिखनपुर स्थित मां भगवती अस्पताल के एक कमरे को सील कर दिया है। अस्पताल के संचालक विजय कुमार चौधरी, उसकी कथित पत्नी मुंगेर जिले की सारिका, कल्पना (भागलपुर जिले में), शोभा चौधरी (बच्चे की खरीदार पूर्वी चंपारण के अरेराज स्थित बहादपुरपुर निवासी) को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की इस कार्रवाई में भागलपुर स्टेशन से यहीं के बरारी का एक और लखीसराय के पिपरिया थानाक्षेत्र से 3 दिसंबर को अगवा दूसरा, कुल दो बच्चों को मुक्त कराया गया। पुलिस के हत्थे चढ़े धंधेबाजों की निशानदेही व जीआरपी की सूचना के बाद मुजफ्फरपुर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है।
बताया गया है कि मंगलवार को भागलपुर स्टेशन पर जीआरपी ने बरारी इलाके के एक बच्चे को लेकर भाग रही कल्पना को गिरफ्तार किया। कल्पना ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह विजय चौधरी की पत्नी है। उसी के इशारे पर वह बच्चों की चोरी करती है। चोरी के बच्चों को बेचा जाता है। इस सुराग के हाथ लगने के साथ जीआरपी के दारोगा विजय कुमार उपाध्याय के नेतृत्व में पुलिस की टीम मुजफ्फरपुर आई। स्थानीय पुलिस को सूचना दी। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने तत्काल भिखनपुर में छापेमारी कर अस्पताल से सारिका को दबोचा। सारिका की निशानदेही पर विजय की गिरफ्तारी हुई। दोनों से हुई पूछताछ के बाद पुलिस को भागलपुर के लखीसराय से चोरी बच्चे को अरेराज के बहादुरपुर निवासी लखींद्र चौधरी और शोभा चौधरी के घर से बरामद किया गया। बच्चा उनके 1.20 लाख में बेचा गया था। मौके से खरीदार शोभा दबोची गई। सभी से पूछताछ के दौरान पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। इस आधार पर कार्रवाई चल रही है। अस्पताल का लाइसेंस लेने में शामिल चिकित्सकों पर कसेगा शिकंजा पुलिस द्वारा की गई पड़ताल में पता चला है कि अहियापुर थाना में दर्ज बच्चा चोरी के एक अन्य मामले में भी विजय की भूमिका रही है। बच्चे की चोरी जीरोमाइल से हुई थी। पुलिस के मुताबिक इस अस्पताल के लिए गए लाइसेंस की जांच चल रही है। लाइसेंस प्राप्त करने में जिन चिकित्सकों के नाम व डिग्री का प्रयोग किया गया है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। बच्चों की चोरी और अनचाहे बच्चों को पालने के लिए थी टीम
बताया गया है कि विजय ने अस्पताल की आड़ में चल रहे इस धंधे से अकूत संपत्ति अर्जित करने के लिए एक मजबूत टीम तैयार की थी। टीम मुजफ्फरपुर के अलावा सूबे के भागलपुर व पूर्वी चंपारण समेत कई जिलों में सक्रिय थी। इसमें शामिल महिलाओं के जिम्मे बच्चों की चोरी करने के अलावा नवजात बच्चों के पालने की भी जिम्मेदारी थी। अनचाहे बच्चे बनते थे कमाई का साधन पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि समाज में फैली अपसंस्कृति के कारण जन्म से पहले मौत पाने वाले बच्चों की जान ये लोग बचाते थे। जब बच्चे पल कर थोड़े बड़े हो जाते थे तो उन्हें बेचा जाता था। नगर पुलिस अधीक्षक पीके मंडल ने बताया कि पूछताछ के दौरान कई तथ्य सामने आए हैं। इस आधार पर पुलिस जांच कर रही है। कई सफेदपोश भी इस धंधे में शामिल हो सकते हैं। वरीय पुलिस अधीक्षक के जयंत कांत के अनुसार, पुलिस के हत्थे चढ़े अस्पताल के संचालक व अन्य से पूछताछ की जा रही है। इस दौरान कई अहम सुराग मिले हैं। कई अन्य जगहों से लापता बच्चों के बारे में भी जानकारी ली जा रही है। फिलहाल पुलिस पूछताछ कर रही है। समस्त्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा

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