अपराध के खबरें

जाने : परवेज मुशर्रफ को कब फांसी पर लटकाया जा सकता है

रोहित कुमार सोनू

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति तानाशाह  परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह के मामले में इस्लामाबाद की स्पेशल कोर्ट ने फांसी की सज़ा सुनाई तो है पर आज हम आपको बताते हैं की मुशर्रफ के फांसी का सच्च जीं हां सच्च क्योंकि पाकिस्तान के स्पेशल कोर्ट ने फैसला क्या सुनाया था पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ को राजद्रोह के इल्जाम में मौत की सज़ा देते हुए अदालत ने अपने फैसले में लिखा है कि अगर मुशर्रफ किन्हीं वजहों से फांसी देने से पहले ही मर जाते हैं तो उनकी लाश खींचकर इस्लामाबाद के डेमोक्रेसी चौक पर लाई जाए और उसे तीन दिन तक वहां लटकाया जाए। कोई डेडलाइन नहीं पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने  ऐसी सजा सुनाई गई है। परवेज़ मुशर्रफ पर आरोप है कि उन्होंने साल 2007 में पाकिस्तान में इमरजेंसी लगाई थी। 76 साल के मुशर्रफ फिलहाल इलाज के लिए दुबई में हैं। जिसके बाद से वह सुरक्षा और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर पाकिस्तान नहीं लौटे हैं।

पेशावर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यों वाली पीठ ने लंबे समय से चले आ रहे देशद्रोह मामले में सजा सुनाई है।

3 नवंबर, 2007 को देश में इमरजेंसी लगाने के जुर्म में परवेज मुशर्रफ पर दिसंबर 2013 में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। मुशर्रफ को 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराया गया था।

मार्च 2016 में पूर्व आर्मी चीफ अपना इलाज कराने दुबई चले गए। तब से वो अब तक वापस नहीं लौटे हैं।

जनरल मुशर्रफ ने पिछले हफ्ते अपने वकीलों के जरिए लाहौर हाईकोर्ट में अपील दर्ज कराई। इसमें उन्होंने हाईकोर्ट से विशेष अदालत में अपने खिलाफ चल रही सुनवाई को रुकवाने की मांग की। मुशर्रफ का कहना था कि उन्होंने हाईकोर्ट में पहले ही विशेष अदालत के गठन के खिलाफ याचिका दी है। इसमें उन्होंने अपने खिलाफ केस की मंशा पर सवाल उठाया था।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live