रोहित कुमार सोनू
शिवहर के भाजपा नेता योगेंद्र प्रसाद गुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर के कहा कि देश में भाजपा के चमकते सितारों के बीच देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र में चले भाजपा के सफलतम 5 साल की सरकार को बड़ी चतुराई से शिवसेना द्वारा सत्ता से बेदखल करने की घटनाक्रम पार्टी को बहुत कुछ सीख दे गई है और पार्टी के थिंक टैंकरों को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर गई है। अगर समय रहते पार्टी चतुर राजनीतिज्ञों के अवसरवादी गठबंधनों से सावधान नहीं रही,तो भविष्य में भाजपा के लिए राह इससे भी दुर्गम हो सकती है। जो भाजपा के लिए देश के आगामी भविष्य का रास्ता कठिन कर सकता है।
कार्यकर्ताओं से ओतप्रोत भाजपा के पास अपनी जो जमीनी ताकत है,अन्यत्र विरले ही ऐसा संभव हो सके। बावजूद,समय पर भाजपा दूसरे पार्टियों से गठबंधन करके उसका महिमामंडन करने और अपना माला दूसरे के गले में पहनाने के कारण वर्षों आसरा लगाए अपने ही कार्यकर्ताओं के कोपभाजन का शिकार तो हो रही है और अब ये अवसरवादी दल भी भाजपाई जमीनी ताकत से गठबंधन के नाम पर चुनाव जीतकर भाजपा को ही आँखें दिखाने लगे हैं।
ऐसे में बेहतर होगा कि भाजपा अपनी ताकत से पूरे सीटों पर चुनावी मैदान में उतरे,निश्चित ही वो बहुमत में होगा या बहुमत के करीब होगा। फिर जैसा सिचुएशन बनेगा,उसके हिसाब से पार्टी कदम उठायेगी। वर्तमान समय में अपने कार्यकर्ताओं के कोपभाजन से बचने और पार्टी के उज्जवल भविष्य के लिए यही सर्वोत्तम उपाय है।
शिवहर के भाजपा नेता योगेंद्र प्रसाद गुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर के कहा कि देश में भाजपा के चमकते सितारों के बीच देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र में चले भाजपा के सफलतम 5 साल की सरकार को बड़ी चतुराई से शिवसेना द्वारा सत्ता से बेदखल करने की घटनाक्रम पार्टी को बहुत कुछ सीख दे गई है और पार्टी के थिंक टैंकरों को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर गई है। अगर समय रहते पार्टी चतुर राजनीतिज्ञों के अवसरवादी गठबंधनों से सावधान नहीं रही,तो भविष्य में भाजपा के लिए राह इससे भी दुर्गम हो सकती है। जो भाजपा के लिए देश के आगामी भविष्य का रास्ता कठिन कर सकता है।
कार्यकर्ताओं से ओतप्रोत भाजपा के पास अपनी जो जमीनी ताकत है,अन्यत्र विरले ही ऐसा संभव हो सके। बावजूद,समय पर भाजपा दूसरे पार्टियों से गठबंधन करके उसका महिमामंडन करने और अपना माला दूसरे के गले में पहनाने के कारण वर्षों आसरा लगाए अपने ही कार्यकर्ताओं के कोपभाजन का शिकार तो हो रही है और अब ये अवसरवादी दल भी भाजपाई जमीनी ताकत से गठबंधन के नाम पर चुनाव जीतकर भाजपा को ही आँखें दिखाने लगे हैं।
ऐसे में बेहतर होगा कि भाजपा अपनी ताकत से पूरे सीटों पर चुनावी मैदान में उतरे,निश्चित ही वो बहुमत में होगा या बहुमत के करीब होगा। फिर जैसा सिचुएशन बनेगा,उसके हिसाब से पार्टी कदम उठायेगी। वर्तमान समय में अपने कार्यकर्ताओं के कोपभाजन से बचने और पार्टी के उज्जवल भविष्य के लिए यही सर्वोत्तम उपाय है।