रोहित कुमार सोनू
पुपरी-सुरसंड व चौरोत मुख्य सड़क अवस्थित बुधनद नदी पर अंग्रेजों के जमाने में बना पुल बड़े हादसे को निमंत्रण दे रहा है। पुल पर बड़े वाहनों का आवागमन जारी रहा तो पुल कभी भी जमींदोज हो सकती है। पुल जर्जर स्थिति में है। आवागमन के लिए 24 घंटे चालू रहने वाले इस पुल से होकर रोजाना सैकड़ों वाहनों का आना-जाना होता है। पुल की जर्जर स्थिति देख इससे गुजरने वाले वाहन चालक कांप जाते हैं। हालांकि पुल की जर्जर स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने वर्षों पूर्व पुल के निकट साइन बोर्ड लगा कर वाहन चालकों को सूचित किया था कि पुल जर्जर हो गया है। इसलिए पुल से बड़े वाहनों का आवागमन नहीं करें। मगर बोर्ड लगाए वर्षों बीत गए लेकिन आजतक इसकी मरम्मत तक नहीं कराई गई। इस संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल का निर्माण 1925 के आसपास में हुआ था। कहा फिलहाल पुल पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। अगर समय रहते प्रशासन पुल की मरम्मत नहीं करवाता है तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। लोगों ने कहा कि पुपरी के लोग पुल के प्रति पूरी संवेदना रखते हैं। यही कारण है कि यहां के लोग कई मौकों पर सरकार और प्रशासन को इस संबंध में आगाह किए। लेकिन स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है। इस पुल के बगल में नए पुल का निर्माण हो रहा है लेकिन कार्य की गति धीमी है। फिलहाल पुराने पुल पर ही वाहनों का आवागमन जारी है। लोगों का कहना है कि बड़े वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है। लोगों ने इस बाबत कई बार पीडब्ल्यूडी के सहायक एवं कनीय अभियंता को जानकारी दी। लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई है।
पुपरी-सुरसंड व चौरोत मुख्य सड़क अवस्थित बुधनद नदी पर अंग्रेजों के जमाने में बना पुल बड़े हादसे को निमंत्रण दे रहा है। पुल पर बड़े वाहनों का आवागमन जारी रहा तो पुल कभी भी जमींदोज हो सकती है। पुल जर्जर स्थिति में है। आवागमन के लिए 24 घंटे चालू रहने वाले इस पुल से होकर रोजाना सैकड़ों वाहनों का आना-जाना होता है। पुल की जर्जर स्थिति देख इससे गुजरने वाले वाहन चालक कांप जाते हैं। हालांकि पुल की जर्जर स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने वर्षों पूर्व पुल के निकट साइन बोर्ड लगा कर वाहन चालकों को सूचित किया था कि पुल जर्जर हो गया है। इसलिए पुल से बड़े वाहनों का आवागमन नहीं करें। मगर बोर्ड लगाए वर्षों बीत गए लेकिन आजतक इसकी मरम्मत तक नहीं कराई गई। इस संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल का निर्माण 1925 के आसपास में हुआ था। कहा फिलहाल पुल पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। अगर समय रहते प्रशासन पुल की मरम्मत नहीं करवाता है तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। लोगों ने कहा कि पुपरी के लोग पुल के प्रति पूरी संवेदना रखते हैं। यही कारण है कि यहां के लोग कई मौकों पर सरकार और प्रशासन को इस संबंध में आगाह किए। लेकिन स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है। इस पुल के बगल में नए पुल का निर्माण हो रहा है लेकिन कार्य की गति धीमी है। फिलहाल पुराने पुल पर ही वाहनों का आवागमन जारी है। लोगों का कहना है कि बड़े वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है। लोगों ने इस बाबत कई बार पीडब्ल्यूडी के सहायक एवं कनीय अभियंता को जानकारी दी। लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई है।