रोहित कुमार सोनू
बिहार के समस्तीपुर जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर गंगा के दियारा क्षेत्र का नंदनी गांव इन दिनों शिक्षा एक्सप्रेस को लेकर काफी चर्चा में है. दरअसल ये एक्सप्रेस ट्रेन पटरी पर नहीं चलती बल्कि एक विद्यालय के कैंपस तक ही सीमित रह जाती है. इस स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है.इस विद्यालय के बच्चों में शिक्षा के प्रति रुझान बने, जो बच्चे विद्यालय नहीं आना चाह रहे हैं वह भी विद्यालय आए इसको ले कर के विद्यालय प्रशासन ने अनूठी पहल की और विद्यालय को ट्रेन का शक्ल दिया. इस स्कूल के कमरे देखने में बिल्कुल ट्रेन की बोगियों जैसे लगते हैं लेकिन ये होते क्लास रूम हैं.1925 ईं. मे स्थापित इस विद्यालय का नाम है राजकीय मध्य विद्यालय नंदिनी इस विद्यालय को आदर्श विद्यालय का भी दर्जा मिला हुआ है. विद्यालय के प्रधान के इस प्रयास की प्रशंसा हर कोई कर रहे हैं. इस शिक्षा एक्सप्रेस को लेकर यहां के बच्चों का मानना है कि शिक्षा एक्सप्रेस नाम है और यहां की शिक्षा व्यवस्था भी एक एक्सप्रेस ट्रेन की तरह हैके बच्चे, कारण जान आप भी होंगे हैरान
1925 ईं. मे स्थापित इस विद्यालय का नाम है राजकीय मध्य विद्यालय नंदिनी इस विद्यालय को आदर्श विद्यालय का भी दर्जा मिला हुआ है. विद्यालय के प्रधान के इस प्रयास की प्रशंसा हर कोई कर रहे हैंइसी विद्यालय से पढ़ने वाले छात्र रामप्रवेश ठाकुर विद्यालय के प्रधानाचार्य हैं. वो बताते हैं कि इस विद्यालय को संस्कार केंद्र के रूप में विकसित कर रहे हैं ताकि इस प्रयोग से विद्यालय के वातावरण को आनन्द दायक बनाया जाये और इसे देख कर बच्चे खुश हो रहे हैं..
बिहार के समस्तीपुर जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर गंगा के दियारा क्षेत्र का नंदनी गांव इन दिनों शिक्षा एक्सप्रेस को लेकर काफी चर्चा में है. दरअसल ये एक्सप्रेस ट्रेन पटरी पर नहीं चलती बल्कि एक विद्यालय के कैंपस तक ही सीमित रह जाती है. इस स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है.इस विद्यालय के बच्चों में शिक्षा के प्रति रुझान बने, जो बच्चे विद्यालय नहीं आना चाह रहे हैं वह भी विद्यालय आए इसको ले कर के विद्यालय प्रशासन ने अनूठी पहल की और विद्यालय को ट्रेन का शक्ल दिया. इस स्कूल के कमरे देखने में बिल्कुल ट्रेन की बोगियों जैसे लगते हैं लेकिन ये होते क्लास रूम हैं.1925 ईं. मे स्थापित इस विद्यालय का नाम है राजकीय मध्य विद्यालय नंदिनी इस विद्यालय को आदर्श विद्यालय का भी दर्जा मिला हुआ है. विद्यालय के प्रधान के इस प्रयास की प्रशंसा हर कोई कर रहे हैं. इस शिक्षा एक्सप्रेस को लेकर यहां के बच्चों का मानना है कि शिक्षा एक्सप्रेस नाम है और यहां की शिक्षा व्यवस्था भी एक एक्सप्रेस ट्रेन की तरह हैके बच्चे, कारण जान आप भी होंगे हैरान
1925 ईं. मे स्थापित इस विद्यालय का नाम है राजकीय मध्य विद्यालय नंदिनी इस विद्यालय को आदर्श विद्यालय का भी दर्जा मिला हुआ है. विद्यालय के प्रधान के इस प्रयास की प्रशंसा हर कोई कर रहे हैंइसी विद्यालय से पढ़ने वाले छात्र रामप्रवेश ठाकुर विद्यालय के प्रधानाचार्य हैं. वो बताते हैं कि इस विद्यालय को संस्कार केंद्र के रूप में विकसित कर रहे हैं ताकि इस प्रयोग से विद्यालय के वातावरण को आनन्द दायक बनाया जाये और इसे देख कर बच्चे खुश हो रहे हैं..