हम माता पिता के संयोग से जन्म लिए है और फिर भी उस माता पिता को कहें कि तुमने हमको जन्म नहीं दिया तो य़ह बहुत बड़ा दुर्भाग्य ही कह सकते है!
राजेश कुमार वर्मा
दरभंगा/मधुबनी, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । मधुबनी जिला निवासी सुविख्यात ज्योतिष पंकज झा शास्त्री जी के कथनानुसार
अक्सर देखा जाय तो प्राकृतिक के खगोलिय घटना को धर्म शास्त्र, ज्योतिष शास्त्र, आधुनिक विज्ञान शास्त्र के लोग अपने अपने तरीके से व्याख्या करते है!
धर्म शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लगभग एक ही तरह के विचार देखी जा सकती है परंतु आज के आधुनिक विज्ञान अपने विचार को अलग तरीके से प्रस्तुत करती है! यह बात अलग है कि आधुनिक विज्ञान ने अपना विस्तार जरूर किया है परंतु इसका मुल आधार धर्म शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र ही हम कह सकते है जो हमें निश्चित रूप से सूक्ष्म अध्यन से और प्रमाण के साथ पता चलता है! फिर भी जबरदस्ती मानने के लिए तैयार नहीं होते है! जैसे कह सकते है कि हम माता पिता के संयोग से जन्म लिए है और फिर भी उस माता पिता को कहें कि तुमने हमको जन्म नहीं दिया तो य़ह बहुत बड़ा दुर्भाग्य ही कह सकते है! मैं आज के विज्ञान को भी खुला चुनौती देने के लिए तैयार रहता हूं! एसा कोई भी वैज्ञानिक मुझे यह बता दे जिसका आधार धर्म या ज्योतिष शास्त्र न हो! हाँ य़ह जरूर कह सकते है कि विज्ञान ने आधुनिक सुख सुविधा के कारण तरक्की की ओर बढ़ा है जिसके स्वरुप मे बदलाव आया है! हम य़ह जरूर कह सकते है कि आजके आधुनिक विज्ञान का जन्म ही धर्म शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र माध्यम से है! और इस विषय मे किसी के मन मे संसय हो तो खुलकर पूछ सकते है! वास्तविकता तो यही है कि धर्म शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र ही दुनिया के सकारात्मक तरक्की का मुल आधार है! आज के आधुनिक विज्ञान इसी धर्म और ज्योतिष आधार पर चलकर भी इस विषय को कमजोर करने का प्रयत्न कर रहा है और लोगों के विच धर्म शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के विरोध मे गलत धारणा फेला रहा है, जो दुनिया के लिए महा विस्फोट और विनाश का कारण हम जरूर कह सकते है!
दुनियां के किसी भी वैज्ञानिक मे अबतक वह क्षमता नहीं जो सात आयामों को समझ सके और इस बात को सभी को समझना चाहिए!
समस्त्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।
पंकज झा शास्त्री