रोहित कुमार सोनू
बिहार के लिए 2019 सबसे ज्यादा अशुभ रहा चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में नौनिहाल मां के गोद में अठखेलियां करते थे, वे एक-एक कर काल-कवलित होते जा रहे हैं. नौनिहाल की मां क्या कर सकती है दोषी कौन हैं, लेकिन कोई कर भी क्या सकता हूं! सिवाए मासूम नौनिहालों को दर्द और पीड़ा से कराहते और दम तोड़ते देखने के, क्योंकि मजिले में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी AES नामक बीमारी ने कोहराम मचा कर रखा था . इस कारण पूरे देश की निगाहें बिहार के ऊपर लगी थी .पीड़ा इस बात को लेकर भी है कि जिस शाही लीची के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर हुआ, आज उसी लीची को AES का एक कारण बताया जा रहा था . बच्चे की मौत पर सरकार और जनता को परेशान करने वाले आंकड़े थे. सरकार के सामने विशालकाय आकार लिए खड़ी थी और वह था बिहार की चरमरा चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था.
बिहार में दिमाग़ी बुखार से क़रीब 150 बच्चों की मौत हो चुकी थी . दिन ब दिन यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. मीडिया रिपोर्टों में मुज़फ़्फ़रपुर की बदहाल व्यवस्था की तस्वीर पेश की जा रही थी .