रोहित कुमार सोनू
नया साल में इस बार प्याज आने से मना कर दिया है जीं हां सरकार के तमाम कोशिशों के बाद भी प्याज का भाव कम नहीं हो रहा है। ऐसे में प्याज का स्वाद के लिए हमें कुछ दिंन के लिए इंतजार करना होगा। खपत के अनुपात में कम आवक की वजह से प्याज कीमतें आसमान छू रही थी . तुर्की से विभिन्न क्षेत्रों में प्याज आने के बाद भी दाम में कोई कमी नही दिखाई दे रही हैवहीं थोक और खुदरा मूल्य में भी भारी अंतर के कारण आम उपभोक्ता ज्यादा कीमत देकर प्याज खरीदने को मजबूर हैं. अगर शहर की बात करें तो यहां प्याज की कीमतों में थोक और खुदरा मूल्य में प्रति किलो 20 रुपये का अंतर देखा जा रहा है. हालांकि प्रशासन की ओर से थोक और खुदरा मूल्य को लेकर किसी तरह का कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है. गौरतलब है कि सोमवार को प्याज का थोक भाव 100 रुपये रहा, जिसके कारण बाजार में खुदरा भाव 120 रुपये तक है . लेकिन मंगलवार को थोक भाव 90 रुपये पहुंचने के बावजूद खुदरा भाव में कोई कमी नहीं हुई है. प्याज की बढ़ती कीमतों से अब भी राहत की कोई खबर नहीं है. हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि प्याज के भाव में कमी शुरू हो गयी है, लेकिन जमीनी स्तर पर अब भी कीमतें जस की तस बनी हुई हैं.
नया साल में इस बार प्याज आने से मना कर दिया है जीं हां सरकार के तमाम कोशिशों के बाद भी प्याज का भाव कम नहीं हो रहा है। ऐसे में प्याज का स्वाद के लिए हमें कुछ दिंन के लिए इंतजार करना होगा। खपत के अनुपात में कम आवक की वजह से प्याज कीमतें आसमान छू रही थी . तुर्की से विभिन्न क्षेत्रों में प्याज आने के बाद भी दाम में कोई कमी नही दिखाई दे रही हैवहीं थोक और खुदरा मूल्य में भी भारी अंतर के कारण आम उपभोक्ता ज्यादा कीमत देकर प्याज खरीदने को मजबूर हैं. अगर शहर की बात करें तो यहां प्याज की कीमतों में थोक और खुदरा मूल्य में प्रति किलो 20 रुपये का अंतर देखा जा रहा है. हालांकि प्रशासन की ओर से थोक और खुदरा मूल्य को लेकर किसी तरह का कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है. गौरतलब है कि सोमवार को प्याज का थोक भाव 100 रुपये रहा, जिसके कारण बाजार में खुदरा भाव 120 रुपये तक है . लेकिन मंगलवार को थोक भाव 90 रुपये पहुंचने के बावजूद खुदरा भाव में कोई कमी नहीं हुई है. प्याज की बढ़ती कीमतों से अब भी राहत की कोई खबर नहीं है. हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि प्याज के भाव में कमी शुरू हो गयी है, लेकिन जमीनी स्तर पर अब भी कीमतें जस की तस बनी हुई हैं.