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समस्तीपुर के पटोरी PHC में 17 लाख का हुआ घोटाला उजागर, सात अधिकारी पर की गई कार्रवाई


राजेश कुमार वर्मा

पटोरी/समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय )  एक ओर जहां सरकार स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को सुदृढ़ करने को लेकर लगातार मुहिम चला रही है। इसी क्रम में समस्तीपुर में मेडिकल कॉलेज की नींव भी रखी गई है। वहीं, जिले के अस्‍पतालों में अनियमितताओं की भरमार है। जिले के पटोरी प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 17 लाख रुपये के घोटाला का मामला सामने आया है। इसके बाद से स्‍वास्‍थ्‍य महकमे में हड़कंप मचा है।
जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पटोरी में जेनरेटर सेवा मद में आउटसोर्सिंग एजेंसी को अवैध तरीके से 17 लाख रुपये का भुगतान किया गया। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने अवैध रूप से भुगतान करने को लेकर चार प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत सात से स्पष्टीकरण किया है।
  साथ ही, प्रभारी और प्रधान लिपिक के विरुद्ध प्रपत्र-क गठित करने और स्वास्थ्य प्रबंधक को सेवा से बर्खास्त करने को कहा गया है।
अवैध रूप से एजेंसी को भुगतान की गई राशि की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया है। चूंकि यह मामला वित्तीय अनियमितता एवं सरकारी राशि के अवैध एवं अधिक भुगतान से संबंधित है। इसमें एजेंसी के बिना मिलीभगत से गबन संभव प्रतीत नहीं होता है। इसके लिए एजेंसी को नियमानुसार एकरारनामा की शर्तों के उल्लंघन एवं सरकारी राशि के अवैध भुगतान में संलिप्तता के लिए काली सूची में डालने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है। कार्यपालक निदेशक ने जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को रिपोर्ट देने को कहा है।

*इन पर हुई कार्रवाई*

 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पटोरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार पूर्वे, तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बृजनंदन सिन्हा, डॉ. सुरेश कुमार, डॉ. जवाहर साहू, तत्कालीन प्रधान लिपिक विनय कुमार सिंह, तत्कालीन स्वास्थ्य प्रबंधक मुकुंद मयंक और स्वास्थ्य प्रबंधक फिरदौस आलम मुख्य है।

*राज्य स्वास्थ्य समिति ने कराई मामले की जांच*

स्वास्थ्य संस्थान में जेनरेटर को लेकर अवैध तरीके से भुगतान करने का मामला सामने आया था। इसमें राज्य स्वास्थ्य समिति जांच दल गठित कराई थी। टीम ने उक्त सेवा का अंकेक्षण किया। जांच दल द्वारा संस्थान के जेनरेटर सेवा से संबंधित लेखा अभिलेख, लॉग बुक एवं रोकड़ बही आदि की जांच की। इसके अलावा साउथ बिहार पावर होल्डिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड से भी प्राप्त विद्युत आपूर्ति प्रतिवेदन के आधार पर जेनरेटर सेवा मद में आउटसोर्स सेवा प्रदाता एजेंसी मेसर्स तोमाहा, समस्तीपुर को 17 लाख 14 हजार 753 रुपये का अधिक भुगतान किया गया।

*अभिलेखों की जांच में गड़बड़ी का पर्दाफाश*

अवैध भुगतान करने को लेकर जांच टीम ने अभिलेखों की जांच की। इसमें जेनरेटर की लॉग बुक पर परिचालन की समयावधि का सत्यापन किए बिना ही चिकित्सा पदाधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर करना, जेनरेटर लॉग बुक में जेनरेटर परिचालन की समय अवधि को बढ़ाकर अंकित करने, विपत्रों की जांच पड़ताल किए बिना ही भुगतान करने, महीने में जेनरेटर परिचालन की समय अवधि को विद्युत आपूर्ति बाधित रहने की समय अवधि में नौ गुना तक विपत्र में प्रभारित करने, लॉग बुक का अनियमित संधारण किया गया।

*प्रभारी व प्रधान लिपिक पर प्रपत्र-क गठित करने का आदेश*

जांच टीम ने रिपोर्ट में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पटोरी में पदस्थापित तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों, प्रधान लिपिक एवं स्वास्थ्य प्रबंधकों को दोषी ठहराया। सरकारी कार्य के निर्वहन में लापरवाही, कर्तव्यहीनता, सुनियोजित तरीके से सरकारी राशि के भुगतान में अनियमितता, दुरुपयोग एवं गबन और जेनरेटर सेवा प्रदाता के साथ संलिप्तता व सहभागिता बताई है। इसको लेकर सभी तत्कालीन व वर्तमान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं प्रधान लिपिक से स्पष्टीकरण करने को कहा है।
साथ ही, सभी के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करते हुए विधिसम्मत अनुशासनिक कार्रवाई प्रारंभ करने के लिए विभाग एवं राज्य स्वास्थ्य समिति को रिपोर्ट देने को कहा गया है। वहीं, तत्कालीन एवं वर्तमान स्वास्थ्य प्रबंधकों से भी स्पष्टीकरण की मांग करते हुए उनके विरुद्ध विधिसम्मत अनुशासनिक कार्रवाई प्रारंभ करते हुए संविदा समाप्त करने की कार्रवाई करने को कहा गया है। साथ ही सेवा प्रदाता एजेंसी को अवैध तरीके से भुगतान की गई सरकारी राशि वसूली करते हुए आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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