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नियोजित शिक्षकों का बड़ा कदम , 17 फरवरी से हड़ताल पर जाने के साथ मैट्रिक परीक्षा का करेंगे बहिष्‍कार

संवाद

बिहार में इस वक्त का सबसे बड़ी खबर आ रही है सरकारी स्कूलों में पढा रहे शिक्षकों  समान वेतन देने का मामला फिर से गरमा चुका है  बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने 25 फरवरी से हडताल पर जाने का एलान कर दिया है.  संघ की बैठक में ये फैसला लिया गया.  समान काम के लिए अलग-अलग वेतन देने के सरकार के फैसले को अन्याय करार देते हुए निर्णायक लड़ाई लड़ने का एलान कर दिया है. इसके तहत 25 फरवरी से बिहार  के सभी सरकारी स्कूलों में  माध्यमिक शिक्षक हड़ताल पर चले जायेंगे. शिक्षकों ने सभी स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह से बंद कर देने की घोषणा की है. नियोजित शिक्षकों ने भी साफ कहा है कि आगामी 17 फरवरी से राज्य में मैट्रिक की परीक्षा आयोजित होने वाली है.जिसका नियोजित शिक्षक बहिष्कार करेंगे. बिहार सरकार की किसी भी चेतावनी और धमकियों से नहीं डरेंगे. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से मिली हार के बाद नियोजित शिक्षक किसी भी हालत में चुनावी साल को गंवाना नहीं चाहते हैं.  इसी कारण  है कि परीक्षा की तिथि के दिन से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. इससे पहले बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समिति ने 19 जनवरी के मानव श्रृंखला का बहिष्कार भी किया था,जिसमें सभी 4 लाख शिक्षक दूर रहे थे. शिक्षकों के इस फैसले के बाद अब राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती होगी कि बिना नियोजित शिक्षकों के कैसे मैट्रिक जैसी परीक्षा का आयोजन कर पाएगी, क्योंकि परीक्षा डयूटी से लेकर मूल्यांकन तक के कार्य से शिक्षक दूर रहेंगे, नियोजित शिक्षकों ने साफ कहा है कि आगामी 17 फरवरी से राज्य में मैट्रिक की परीक्षा आयोजित होने वाली है. इसके बाद जनगणना का भी काम शुरू होगा, जिसका नियोजित शिक्षक बहिष्कार करेंगे. वह सरकार की किसी भी चेतावनी और धमकियों से नहीं डरेंगे. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से मिली हार के बाद नियोजित शिक्षक किसी भी हालत में चुनावी साल को गंवाना नहीं चाहते हैं. यही वजह है कि परीक्षा की तिथि के दिन से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. इससे पहले बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समिति ने 19 जनवरी के मानव श्रृंखला का बहिष्कार भी किया था,जिसमें सभी 4 लाख शिक्षक दूर रहे थे. शिक्षकों के इस फैसले के बाद अब राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती होगी कि बिना नियोजित शिक्षकों के कैसे मैट्रिक जैसी परीक्षा का आयोजन कर पाएगी, क्योंकि परीक्षा डयूटी से लेकर मूल्यांकन तक के कार्य से शिक्षक दूर रहेंगे

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