राजेश कुमार वर्मा/अनुप नारायण सिंह नई दिल्ली
( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में दिल्ली के साकेत कोर्ट ने 19 लोगों को दोषी ठहराया है। इन सभी को शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों के यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया गया है। 28 जनवरी को सजा का होगा एलान।इसके अलावा अदालत ने एक आरोपी मो. साहिल उर्फ विक्की को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ की अदालत ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को 1045 पन्नों के अपने आदेश में दोषी ठहराया है। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया था।
34 छात्राओं से हुआ था यौन उत्पीड़न
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 34 छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। मेडिकल टेस्ट में तकरीबन 34 बच्चियों के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। सुनवाई के दौरान पीड़ितों ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें नशीला दवाएं देने के साथ मारा-पीटा जाता था, फिर उनके साथ जबरन यौन शोषण किया जाता था।
सामाजिक कल्याण विभाग के अफसर भी थे शामिल
केस में सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड में कर्मचारी भी शामिल थे। वे भी मासूम बच्चियों को दरिंदगी का शिकार बना रहे थे। यह भी आरोप है कि बिहार सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारी भी बच्चियों के साथ गलत काम में संलिप्त थे। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।
( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में दिल्ली के साकेत कोर्ट ने 19 लोगों को दोषी ठहराया है। इन सभी को शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों के यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया गया है। 28 जनवरी को सजा का होगा एलान।इसके अलावा अदालत ने एक आरोपी मो. साहिल उर्फ विक्की को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ की अदालत ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को 1045 पन्नों के अपने आदेश में दोषी ठहराया है। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया था।
34 छात्राओं से हुआ था यौन उत्पीड़न
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 34 छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। मेडिकल टेस्ट में तकरीबन 34 बच्चियों के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। सुनवाई के दौरान पीड़ितों ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें नशीला दवाएं देने के साथ मारा-पीटा जाता था, फिर उनके साथ जबरन यौन शोषण किया जाता था।
सामाजिक कल्याण विभाग के अफसर भी थे शामिल
केस में सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड में कर्मचारी भी शामिल थे। वे भी मासूम बच्चियों को दरिंदगी का शिकार बना रहे थे। यह भी आरोप है कि बिहार सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारी भी बच्चियों के साथ गलत काम में संलिप्त थे। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।