रोहित कुमार सोनू
केंद्र सरकार ने 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किया है। दर्शक इस बार परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी का आनंद नहीं उठा पाएंगे. इस बार 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और छह मंत्रलायों/विभागों की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए चुनी गई है, जिसमें पश्चिम बंगाल की झांकी शामिल नहीं है.ये फैसला ऐसे समय में आया है जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीएए और एनआरसी पर सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शनों में पहली पंक्ति में रहकर विरोध कर रही हैं.रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी पर विशेषज्ञ कमिटी ने दो दौर की बैठक में चर्चा की.’उन्होंने कहा, ‘कमिटी ने झांकी की सिफारिश करने से पहले प्रस्ताव की थीम, कॉन्सेप्ट, डिजाइन आदि की जांच की. प्रवक्ता ने बताया कि समय कम होने के चलते केवल कुछ की झांकियों को शामिल किया जा सका. उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया ही ऐसी होती है कि सबसे बेहतरी झांकी ने परेड का हिस्सा होती है.2020 परेड में झांकियां निकालने के लिए 32 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों और 24 मंत्रालयों/ विभगों से कुल 56 प्रस्ताव मिले. इनमें अंतिम 22 प्रस्ताव पांच दौर के बैठक के बाद चुने गए.
केंद्र सरकार ने 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किया है। दर्शक इस बार परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी का आनंद नहीं उठा पाएंगे. इस बार 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और छह मंत्रलायों/विभागों की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए चुनी गई है, जिसमें पश्चिम बंगाल की झांकी शामिल नहीं है.ये फैसला ऐसे समय में आया है जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीएए और एनआरसी पर सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शनों में पहली पंक्ति में रहकर विरोध कर रही हैं.रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी पर विशेषज्ञ कमिटी ने दो दौर की बैठक में चर्चा की.’उन्होंने कहा, ‘कमिटी ने झांकी की सिफारिश करने से पहले प्रस्ताव की थीम, कॉन्सेप्ट, डिजाइन आदि की जांच की. प्रवक्ता ने बताया कि समय कम होने के चलते केवल कुछ की झांकियों को शामिल किया जा सका. उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया ही ऐसी होती है कि सबसे बेहतरी झांकी ने परेड का हिस्सा होती है.2020 परेड में झांकियां निकालने के लिए 32 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों और 24 मंत्रालयों/ विभगों से कुल 56 प्रस्ताव मिले. इनमें अंतिम 22 प्रस्ताव पांच दौर के बैठक के बाद चुने गए.