दरभंगा/मधुबनी/समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय )। बसंत पंचमी माघ मास शुक्ल पक्ष 30 जनवरी 2020 गुरुवार को मनाई जाएगी। छ: ऋतुओं में सबसे लोकप्रिय ऋतु बसंत ऋतु को माना गया है! बसंत पंचमी को श्री पंचमी, अबुझ मुहूर्त, ऋतु पंचमी आदि नामों से जाना जाता है! इस दिन ज्ञान, विज्ञान, बुद्धि, विद्या, विनम्रता एवं संपूर्ण कलाओं की देवी मां सरस्वती की पूजा आराधना की जाती है! इस दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कन्द माता की पूजा भी होती है! मां सरस्वती ६४ योगिनी में से एक है जो मां दुर्गा के सहेली के रूप मे भी जानी जाती है! सरस्वती पूजा माघ मास के गुप्त नवरात्र के मध्य में होता है अतः इस दिन कई कार्य जैसे मंत्र सिद्धि, दिक्षा ग्रहण, नामकरण आदि शुभ कार्य किए जा सकते है! मां सरस्वती की पूजा लगभग सभी जगह किए जाते है खासकर, छात्रों, कलाकारों में यह अधिक प्रसिद्ध है! बसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ मास के पांचवे दिन भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा का भी महत्व है! इसवार खास बात यह है कि सरस्वती पूजा का दिन गुरुवार है जो भगवान विष्णु का दिन है और इस दिन पीला रंग के वस्तु का विशेष महत्व होता है जो मां सरस्वती के लिए भी विशेष है!
जब बागों में बहार आती है, खेतों में सोना चमकने लगता है, गेहूं की बालियां खिलने लगती है, आम के पेड़ में बोर आ जाते है, तब आगमन होता है ऋतुओं का राजा बसंत का आगाज अर्थात प्रेम, उत्साह, उल्लास व उमंग की सुरुआत! ऐसा कहा जाता है कि बसंत पंचमी के दिन ब्रम्हा जी के मुख से मां सरस्वती का उद्गम हुआ था इसलिए इसे विद्या जयंती भी कहा जाता है! इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का पूजन करना अति शुभ है एवं माता की कृपा बनी रहती है।
तंत्र शास्त्रों के अनुसार वसंत पंचमी को आकर्षण और वशीकरण के प्रयोग बहुत ही प्रभावी और शुभ फलदाई होते है! ज्योतिष दृष्टि से पांचवीं राशि के अधिष्ठता भगवान सूर्य नारायण होते है इस लिए वसंत पंचमी अज्ञान का नाश करके प्रकाश की ओर ले जाता है! अबूझ मुहूर्त होने के कारण विवाह, गृह प्रवेश, पदभार, विद्यारंभ, वाहन, भवन खरीदना अति शुभ और विशिष्ट होते है!
सरस्वती पूजन मुहूर्त-
३०/०१/२०२० गुरुवार,
प्रा ६:३८ दिन के १०:३८ बजे तक!
पंचमी तिथि आरंभ २९/१/२०२० बुधवार , दिन ०८:२९ के उपरांत,
पंचमी तिथि समाप्त३०/१/२०२० गुरुवार को दिन के १०:३९ तक!पंकज झा शास्त्री
९५७६२८१९१३
नोट- उपरोक्त समय सारणी में अपने अपने क्षेत्रीय पंचांगों के अनुसार कुछ अंतर हो सकता है!समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।