रोहित कुमार सोनू
बिहार के प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक-उच्च माध्यमिक सरकारी विद्यालयों में कार्यरत करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों की चिर प्रतीक्षित सेवाशर्त की मांग नए साल में पूरी होने के आसार हैं। वर्ष 2015 में एक बड़े आंदोलन के बाद नियोजित शिक्षकों के लिए राज्य में नया वेतनमान तो लागू हो गया लेकिन उनकी सेवाशर्त की मांग तब से लंबित है। इसको लेकर समय-समय पर विभिन्न फोरम पर नियोजित शिक्षक अपनी मांग उठाते रहे हैं।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त को लेकर सुगबुगी आरंभ हो गयी है। फिलहाल शिक्षा विभाग 19 जनवरी को राज्यव्यापी मानव शृंखला बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। इससे फारिग होते ही सेवाशर्त की रफ्तार तेज हो जाएगी। मार्च-अप्रैल माह तक इसके आकार ले लेने के आसार हैं। हालांकि इसपर मुहर के लिए विभाग से लेकर सरकार के स्तर तक तमाम प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी। यदि वित्तीय मामला जुड़ा होगा तो वित्त विभाग की भी सहमति लेनी होगी। सेवाशर्त की सविधा मिलते ही नियोजित शिक्षकों की प्रोन्नति का लाभ मिलेगा और हेडमास्टर तक बन पायेंगे। दूसरा बड़ा लाभ नियोजन क्षेत्र से बाहर तबादले का मिल सकता है।
सेवाशर्त के साथ ही नियोजित शिक्षकों को वेतनवृद्धि का भी लाभ मिल सकता है। 5 सितम्बर को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि समय आने पर पैसा भी बढ़ायेंगे। जो कुछ करेंगे वह नियोजित शिक्षकों के हक में होगा। हालांकि कितना पैसा बढ़ेगा यह अभी तय नहीं है, पर माना जा रहा है कि 20 फीसदी की वृद्धि हो सकती है, क्योंकि सुप्रीम र्को में सौंपे शपथ पत्र में शिक्षा विभाग ने समान वेतन की जगह इस वृद्धि की बात कही थी।
बिहार के प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक-उच्च माध्यमिक सरकारी विद्यालयों में कार्यरत करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों की चिर प्रतीक्षित सेवाशर्त की मांग नए साल में पूरी होने के आसार हैं। वर्ष 2015 में एक बड़े आंदोलन के बाद नियोजित शिक्षकों के लिए राज्य में नया वेतनमान तो लागू हो गया लेकिन उनकी सेवाशर्त की मांग तब से लंबित है। इसको लेकर समय-समय पर विभिन्न फोरम पर नियोजित शिक्षक अपनी मांग उठाते रहे हैं।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त को लेकर सुगबुगी आरंभ हो गयी है। फिलहाल शिक्षा विभाग 19 जनवरी को राज्यव्यापी मानव शृंखला बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। इससे फारिग होते ही सेवाशर्त की रफ्तार तेज हो जाएगी। मार्च-अप्रैल माह तक इसके आकार ले लेने के आसार हैं। हालांकि इसपर मुहर के लिए विभाग से लेकर सरकार के स्तर तक तमाम प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी। यदि वित्तीय मामला जुड़ा होगा तो वित्त विभाग की भी सहमति लेनी होगी। सेवाशर्त की सविधा मिलते ही नियोजित शिक्षकों की प्रोन्नति का लाभ मिलेगा और हेडमास्टर तक बन पायेंगे। दूसरा बड़ा लाभ नियोजन क्षेत्र से बाहर तबादले का मिल सकता है।
सेवाशर्त के साथ ही नियोजित शिक्षकों को वेतनवृद्धि का भी लाभ मिल सकता है। 5 सितम्बर को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि समय आने पर पैसा भी बढ़ायेंगे। जो कुछ करेंगे वह नियोजित शिक्षकों के हक में होगा। हालांकि कितना पैसा बढ़ेगा यह अभी तय नहीं है, पर माना जा रहा है कि 20 फीसदी की वृद्धि हो सकती है, क्योंकि सुप्रीम र्को में सौंपे शपथ पत्र में शिक्षा विभाग ने समान वेतन की जगह इस वृद्धि की बात कही थी।