अनूप नारायण सिंह
पटना,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । बच्चेदानी के रसोली के ऑपरेशन के 6 महीने बाद मरीज का प्राकृतिक गर्भाधान संभव है बिहार की राजधानी पटना के कंकड़बाग इलाके में अवस्थित हॉस्पिटल के डॉक्टर संजीव कुमार ने एक अनूठा कारनामा कर दिखाया है जिससे बिहार के चिकित्सा जगत में आशा की किरण जगी है ।
29 साल की एक महिला की बच्चेदानी के कारण पेट में असहनीय दर्द वा बांझपन की शिकायत थी । जिसके लिए डॉक्टर्स द्वारा एक जटिल ऑपरेशन किया गया । इस आप्रेशन में दस से ज्यादा गांठ निकाली गई जिसका वजन २.५ किलो से ज्यादा पाया गया । यह ऑपरेशन ‘वूमेंस हॉस्पिटल एंड फर्टिलिटी रिसर्च सेंटर ‘, पटना में डॉ कुमारी अनुराग, डॉ. संजीव कुमार और डॉ राकेश कुमार की टीम के द्वारा किया गया।
इस सफल ऑपरेशन के बाद डॉक्टर्स ने कहा की 6 महीने के बाद मरीज का प्राकृतिक गर्भाधान संभव है। अनुप नारायण सिंह की रिपोर्टिंग को समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।
पटना,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । बच्चेदानी के रसोली के ऑपरेशन के 6 महीने बाद मरीज का प्राकृतिक गर्भाधान संभव है बिहार की राजधानी पटना के कंकड़बाग इलाके में अवस्थित हॉस्पिटल के डॉक्टर संजीव कुमार ने एक अनूठा कारनामा कर दिखाया है जिससे बिहार के चिकित्सा जगत में आशा की किरण जगी है ।
29 साल की एक महिला की बच्चेदानी के कारण पेट में असहनीय दर्द वा बांझपन की शिकायत थी । जिसके लिए डॉक्टर्स द्वारा एक जटिल ऑपरेशन किया गया । इस आप्रेशन में दस से ज्यादा गांठ निकाली गई जिसका वजन २.५ किलो से ज्यादा पाया गया । यह ऑपरेशन ‘वूमेंस हॉस्पिटल एंड फर्टिलिटी रिसर्च सेंटर ‘, पटना में डॉ कुमारी अनुराग, डॉ. संजीव कुमार और डॉ राकेश कुमार की टीम के द्वारा किया गया।
इस सफल ऑपरेशन के बाद डॉक्टर्स ने कहा की 6 महीने के बाद मरीज का प्राकृतिक गर्भाधान संभव है। अनुप नारायण सिंह की रिपोर्टिंग को समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।