राजेश कुमार वर्मा
देश दुनियां के नौजवानों के लिए मानव- श्रृखंला पर विशेष काव्य-संग्रहण
पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) ।
नीतिश तेरे मानव - श्रृखंला की हर कड़ी कमजोर हैं,
कमजोर है..??
बेरोजगार युवाओं के द्वारा,
उसका विरोध पुरजोर है, विरोध है ।
क्योंकि राज्य के लाखों युवा बेरोजगारी की डंस झेल रही हैं, झेंल रही हैं..??
चले हो कीर्तिमान रचने,
टूटे दिलों को साथ लेके ।
ठग रहे हो बेरोजगार युवाओं को,
नकली रोजगार के नाम पर ।
विकास पुरुष का तमग्गा लेकर ,
सुशासन की बात करते हो ।
युवाओं को नौकरी देने से,
आखिर तुम क्यों डरते हो ।
हो अगर विकास पुरुष तुम,
तो कुछ नही एक काम करो ।
पर्चा लीक कराना बंद करो,
पैसा लेकर नौकरी बेचना बंद करो।
बेरोजगारों को मेरिट से रोजगार देकर,
करोड़ों नहीं लाखों युवाओं को रोजगार दो,
युवाओं का सम्मान करो ।
बिहार में मानव - श्रृंखला की जगह कल कारखाने की बाढ़ की बात करते तो कुछ और होती,
बेरोजगारों की तायदाद श्रृखंला कराते तो बात कुछ और होती,
लाखों बेरोजगारों की बात सोचते तो बात कुछ और होती,
नीतीश तेरे मानव - श्रृखंला की हर कड़ी कमजोर हैं, कमजोर है, ।
बेरोजगार युवाओं के द्वारा,
उसका विरोध पुरजोर है, विरोध हैं.. ।।
राजेश कुमार वर्मा की साभार प्रस्तुति समस्तीपुर बिहार से
देश दुनियां के नौजवानों के लिए मानव- श्रृखंला पर विशेष काव्य-संग्रहण
पटना, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) ।
नीतिश तेरे मानव - श्रृखंला की हर कड़ी कमजोर हैं,
कमजोर है..??
बेरोजगार युवाओं के द्वारा,
उसका विरोध पुरजोर है, विरोध है ।
क्योंकि राज्य के लाखों युवा बेरोजगारी की डंस झेल रही हैं, झेंल रही हैं..??
चले हो कीर्तिमान रचने,
टूटे दिलों को साथ लेके ।
ठग रहे हो बेरोजगार युवाओं को,
नकली रोजगार के नाम पर ।
विकास पुरुष का तमग्गा लेकर ,
सुशासन की बात करते हो ।
युवाओं को नौकरी देने से,
आखिर तुम क्यों डरते हो ।
हो अगर विकास पुरुष तुम,
तो कुछ नही एक काम करो ।
पर्चा लीक कराना बंद करो,
पैसा लेकर नौकरी बेचना बंद करो।
बेरोजगारों को मेरिट से रोजगार देकर,
करोड़ों नहीं लाखों युवाओं को रोजगार दो,
युवाओं का सम्मान करो ।
बिहार में मानव - श्रृंखला की जगह कल कारखाने की बाढ़ की बात करते तो कुछ और होती,
बेरोजगारों की तायदाद श्रृखंला कराते तो बात कुछ और होती,
लाखों बेरोजगारों की बात सोचते तो बात कुछ और होती,
नीतीश तेरे मानव - श्रृखंला की हर कड़ी कमजोर हैं, कमजोर है, ।
बेरोजगार युवाओं के द्वारा,
उसका विरोध पुरजोर है, विरोध हैं.. ।।
राजेश कुमार वर्मा की साभार प्रस्तुति समस्तीपुर बिहार से