अपराध के खबरें

रियल हिरो : पटना के गुमनाम मसीहा विवेक विश्वास ने बेजुबानों की जुबान को समझा ही नहीं बल्कि उनके दर्द को इस ठंड में कम भी किया




अनुप नारायण सिंह

पटना,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । आपने गौर फ़रमाया है कि ठंड की ठिठुरन बढ़ने के साथ ही आप मोहल्ले में कुत्ते रात में क्यों रोते हैं क्यों उनका रोना आपकी नींद में खलल डालता है, हमने भी इसकी असली वजह जानने की कभी कोशिश नहीं की पटना के गुमनाम मसीहा विवेक विश्वास ने बेजुबानों की जुबान को समझा ही नहीं बल्कि उनके दर्द को इस ठंड में कम भी किया है । जब इंसान के दिल में इंसान के लिए थोड़ी भी संजीदगी ना बची है इसी दौर में आपके शहर पटना में विवेक के रूप में एक ऐसा इंसान भी है जो सड़क पर लावारिश इंसानों की सेवा के साथ ही साथ जानवरों की सेवा के लिए ठंड से ठिठुरती रातों में पटना की सड़कों पर नजर आ जाता है.जो कि ठंड की परवाह किए बगैर आवारा जानवरों और असहाय इंसानों का मददगार बना हुआ है. बिहार की राजधानी पटना में विवेक विश्वास रातभर लावारिश पशुओं को गर्म कपड़े पहनाने की मुहिम में जुटे रहते हैं । इस वजह से लोग उन्‍हें बेजुबानों का मसीहा का कहते हैं । राजीव नगर के रहने वाले विवेक विश्वास इन दिनों सर्द रातों में ना सिर्फ बेजुबानों को गर्म कपड़े पहनाते हैं बल्कि उसे प्यार देने के अलावा खाना भी खिलाते हैं. राजधानी की सड़कों पर रात के सन्नाटे में विवेक हाथ में कपड़े से भरी बोरी लेकर रोज निकलते हैं और आवारा पशुओं देखकर उनको गर्म कपड़े पहनाने में लग जाते हैं । विवेक की मानें तो वह आवारा पशुओं और असहाय इंसानों की सेवा को ही अपना धर्म समझते हैं । वह कहते हैं कि ठंड तो जानवरों को भी सताती होगी और यही सोचकर मैं रात में सड़कों पर निकल जाता हूं. हालांकि इस दौरान कभी कभार आवारा पशुओं से परेशानी भी होती है, लेकिन उनका हमदर्द बनना मेरा मकसद है । बहरहाल, पीजी तक की पढ़ाई करने के बाद प्राइवेट जॉब करने वाले विकेक अपनी आमदनी का 30 प्रतिशत खर्च असहाय और लावारिश इंसान या जानवरों खर्च करते हैं । विवके के कदमों की आहट लावारिश जानवर रात के सन्नाटे में आसानी से पहचान जाते हैं और दौड़ कर पास आ जाते हैं. उन्‍होंने बताया कि हर वर्ष सर्दी आने से पहले ही वही गर्म कपड़े इकट्ठे कर लेते हैं और फिर ठंड के दौरान सड़कों पर जानवरों और असहाय इंसानों की मदद करने निकल पड़ते हैं । यही यहीं, इस दौरान अगर कोई असहाय इंसान या जानवर घायल दिखाई दे तो वो उसे अस्पताल भी पहुंचाते हैं । आपको बता दें कि विवेक राजधानी के अशोक राजपथ से लेकर गांधी मैदान और बेली रोड पर आसानी से दिखाई दे जाते हैं । समस्त्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live