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बरुआरी पश्चिम के कपिलेश्वर स्थान में नरक निवारण चतुर्दशी में हजारों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक

                                 कुणाल कुमार 
 सुपौल,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । जिले में कपिलेश्वर स्थान सदर प्रखंड सुपौल के बरूआरी पश्चिम हरिंद्रा नदी के तट पर स्थित है । पंडितों का कहना है कि उत्तरवारी दिशा में कपिल मुनि आश्रम था । दैत्य और दानव के पोखर के पूरब महार पर हरिद्रा नदी पश्चिम तट पर पूर्णरुपेण श्मशान स्थापित है । जिस तरह सिंघेश्वर स्थान श्रृंगी ऋषि के द्वारा स्थापना किया हुआ है , उसी प्रकार कपिल मुनि के द्वारा कपिलेश्वर शिवलिंग स्थापित किया गया है । जो कपलेश्वर बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुआ हजारों वर्ष पूर्व की बात है । एक शिकारी जंगल में पचास हाथ ईटों का ढेर पर शिकार खेलने के लिए पहुंचा तो देखा कि एक गौ माता अपना थन से दूध शिवलिंग पर चढ़ा रही है शिकारी देखते ही अचंभित रह गया शिकारी शिकार खेलना छोड़ कर इस दृश्य को देखने के लिए चला गया जब इस अद्भुत दृश्य का पता चला तो वहां के कुछ व्यक्ति उस जगह को अच्छी तरह से साफ कर पूजा-पाठ मुरण ब्याह-शादी आदि सभी यज्ञ शुरू करना प्रारंभ किया और उस जगह का नाम मठाही के नाम से प्रचलित हुआ इस स्थान पर मुनी महात्मा सभी आकर सिद्धि प्राप्त किए हैं पंडितों का कहना है कि इस बाबा कपिलेश्वर के स्थान में जो भी अपनी मुरादे मांगते हैं वह सदियों से पूर्ण होती चली आई है इस स्थल पर पूजा करने के लिए कोसों दूर से लोग आते है अपनी मन्नतें मांगने के लिए और उनकी मन्नते पूरी होती है आज तक कोई भी इस बाबा के दरबार से खाली हाथ नहीं लौटा है जो भी मन्नतें मांगते हैं वह हमेशा पूरी होती है। कुणाल कुमार की रिपोर्टिंग को समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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