विमल किशोर सिंह
सीतामढ़ी(मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय)रीगा चीनी मिल के अतिथि गृह के प्रांगण में मंगलवार की दोपहर चीनी मिल के मुख्य महानिदेशक ओम प्रकाश धानुका ने सीतामढ़ी एवं शिवहर के सैकड़ों किसानों के साथ बैठक कर चीनी मिल पर आ रहे संकट से उबरने के लिए किसानों का सुझाव लिया. श्री धानुका ने प्रेस वार्ता कर बताया कि मिल को आर्थिक संकट से उबारने के लिए सरकार अगर चालीस करोड़ रुपए का सॉफ्ट लोन देती है तो सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।किसानों का भुगतान भी और मिल का रख रखाव भी.उन्होंने बताया कि रीगा क्षेत्र के किसानों के पास अभी भी अस्वीकृत प्रजाति का गन्ना है जिसके कारण मिल को चीनी का परता कम मिलता है जिसके कारण चीनी मिल को नुकसान सहना पड़ता है।उन्होंने बताया कि रीगा चीनी मिल कभी भुगतान के मामलों में बिहार में नंबर वन हुआ करता थी.मगर छह-सात वर्षों से नुकसान झेल रहा है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि उत्तम प्रभेद का गन्ना लगाएं और चीनी मिल को बचा लें.सरकार द्वारा किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान कर देना चाहिए एवं चीनी बेचकर बाद में उस पैसे को ले सकती है.वहीं उन्होंने बताया कि लगातार हो रही प्राकृतिक आपदा के कारण चीनी मिल को काफी नुकसान झेलना पड़ा है।किसानों के द्वारा बिहार सरकार एवं केन्द्र सरकार के चीनी मिल के प्रति गलत नीति के खिलाफ आवाज बुलंद किया गया.किसान शंभू शंकर भोला ने बताया कि सरकार के द्वारा चीनी पर कब्जा कर लेने के कारण किसानों का भुगतान समय पर नही हो पाता है उन्होंने सीएमडी से अपील किया कि किसानों को सरकार के बंधन से मुक्त करने का प्रयास करें.गन्ना विकास अधिकारी श्री अवध झा ने अपने संबोधन में किसानों से उत्तम प्रभेद के गन्ना लगाने की बात कही. अगर किसान उत्तम प्रभेद का लगाऐंगे तब मिल को अच्छी रिकवरी मिलेगी और किसानों को सही समय पर भुगतान भी मिलेगा।उन्होंने उत्तम प्रभेद पर चीनी मिल द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के बारे मे भी विस्तार पूर्वक बताया. किसान श्री हरेन्द्र सिंह ने बताया कि सरकार के गलत नीतियों के कारण आज चीनी मिल की यह स्थिति बनी हुई है।सरकार का रवैया सुगर इन्डस्ट्री के प्रति नाकारात्मक रही है. उन्होंने रीगा चीनी मिल के सीएमडी श्री धानुका जी से अपील करते हुए कहा कि किसानों को सरकार के बंधन से मुक्त करवाएं.
मौके पर किसान नरेन्द्र सिंह, लखनदेव ठाकुर, गुनानंद चौधरी, हरेन्द्र सिंह, शंभू शंकर भोला, राम विवेक सिंह, मुकेश कुमार, महेन्द्र महतो आदि सैकड़ों किसान उपस्थित रहे.