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मानसिक तनाव , घुटनों, पीठ, या कमर में दर्द जैसे कई रोगों से बचने या निपटने के लिए बिना दवा खाये और चीरा लगवाए फिजियोथेरेपी एक असरदार तरीका : फिजियोथैरेपी डॉक्टर


राजेश कुमार वर्मा


 समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । दवाई से ज्यादा फायदा पहुंचती है फिजियोथेरेपी। डॉ० नीरज कुमार और डॉ रोली प्रकाश के अनुसार फिजियोथेरेपी यूं तो आधुनिक चिकित्सा पद्धति मानी जाती है। लेकिन भारत में सदियों से चले आ रहे कसरत नुक्से का ही यह मिला जुला रूप है । ऐसा मानना है वरिष्ठ फ़िज़ियोथेरेपिस्ट डॉ० नीरज कुमार और डॉ० रोली प्रकाश का समस्तीपुर स्थित अपने वीणा फिजियोथेरेपी सेन्टर में उन्होंने बताया कि मानसिक तनाव ,घुटनों, पीठ, या कमर में दर्द जैसे कई रोगों से बचने या निपटने के लिए बिना दवा खाये और चीरा लगवाए फिजियोथेरेपी एक असरदार तरीका है । मौजूदा समय मे अधिकांश लोगों ने दवाइयों के झंझट से बचने के लिए फिजियोथेरेपी की ओर रूख कर रहे हैं । क्योंकि यह न केवल कम ख़र्चीला होता है, बल्कि इसके दुष्प्रभाव न के बराबर होती है ।
👉 क्या है फिजियोथेरेपी 👈प्रशिक्षित फ़िज़ियोथेरेपिस्ट डॉ नीरज कुमार और डॉ रोली प्रकाश द्वारा व्यायम के जरिये शरीर की मांसपेशियों को सही अनुपात में सक्रिय करने की विद्या फिजियोथेरेपी कहलाती है ।इसे हिंदी में भौतिक कि चिकित्सा पद्धति भी कहा जाता है ।घंटो लगातार कुर्सी पर वक़्त बिताने , गलत मुद्रा में बैठने और व्यायम या खेल के दौरान अंदुरुनी खिंचाव या जख्मो का हीलिंग के लिए फिजियोथेरेपी की सेवा लेने की सलाह खुद अच्छे डॉ देते हैं । हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि सबसे पहले यब बताना जरूरी है कि केवल रोगी ही नही बल्कि स्वस्थ लोग भी चुस्त दुरुस्त रहने के लिए फ़िज़ियोथेरेपिस्ट की सलाह ले सकते हैं । मौजूदा समय मे स्मार्ट और सिंपल हेल्थ सोलुसन के लिए फिजियोथेरेपी काफी लोकप्रिय हुई है ।इसकी लोकप्रियता और भरोसे का कारण यह भी है कि बाकी इलाज पद्धतियों से अलग फिजियोथेरेपी उच्च पेशेवर लोग ही करते हैं ।डॉ नीरज कुमार का यह भी कहना है अस्थमा और फ्रैक्चर पीड़ितों के अतिरिक्त गर्ववतियों को भी फिजियोथेरेपी की सलाह दी जाती है ।लगभग देश के हर बड़े अस्पताल में फिजियोथेरेपी की सेवा उपलब्ध है ।वहीं बुजुर्गो, मरीजों और कामकाजी लोगों के लिए फिजियोथेरेपी की सेवा पहुंचाने का भी चलन बढ़ा है ।इसकी खास बात है कि फिजियोथेरपिस्ट मरीज पर खास ध्यान देते हैं जो कि हॉस्पिटल या क्लिनिक पे सम्भव नही है । पेशेवरों की निगरानी में व्यायाम कार्यक्रमों के चलन ने भी घर पर उपलब्ध होने वाली फिजियोथेरेपी सेवा की लोकप्रियता बढ़ा दी है । 
फिजियोथेरेपी से पहले किन चीजों पे ध्यान देना जरूरी है । डॉ० रोली प्रकाश के अनुसार अगर आप चाहते हैं कि आपको फिजियोथेरेपी का लम्बे समय तक फायदा मिले तो इसके सभी सत्र पूरे किए जाने जरूरी है ।फिजियोथेरेपी शूरू करने से पहले उसकी अवधि की जानकारी ले लेनी चाहिए ।फ़िज़ियोथेरेपिस्ट को भी मरीज की स्थिति के विस्तृत आकलन के बाद ही इसे शूरु करना चाहिए । 
फिजियोथेरेपी ने दी नई जिंदगी -- समस्तीपुर के फतेहपुर गॉंव का दीपक कुमार को जो कि पैर हाँथ से लाचार था । लगभग 3 महीने फिजियोथेरेपी होने के बाद वो अपने पैर पे आराम से चल सकता है । ऐसे ही बहुत सारे मरीज फिजियोथेरेपी के कारण आम लोगों की तरह अपना सब काम कर पाते हैं । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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