दरभंगा/मधुबनी, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । देखा जाय तो शनि का नाम सुनते ही लोगों के दिलों दिमाग मे भय उत्पन्न होने लगता है परंतु वास्तविकता यही है कि शनि किसी के साथ मे भी अन्याय नहीं होने देते! शनि सिर्फ न्याय प्रिय है! इनसे पड़ने वाला प्रभाव सकारात्मक या नकारात्मक धीरे धीरे काफी लंबे समय तक देखा जा सकता है!
हमारे धर्म ग्रंथो मे शनि के बारे मे काफी आख्यान मिलते है जो आज के आधुनिक विज्ञान के साथ भी काफी मिलते जुलते विचारों के समानताएं देखी जा सकती है! अपने मंद गति यानि शनैः शनैः चलने पर इसका नाम शनैचर पड़ा! आधुनिक विज्ञान को भी मानना पर रहा है सूर्य से दूरी के कारण य़ह सूर्य की परिक्रमा करने मे काफी वक़्त लगाता है! इसका परिक्रमा पथ लगभग 14 करोड़ 2 लाख किलो मीटर लंबा माना गया है और सूर्य की परिक्रमा करने मे लगभग साढ़े 19 वर्ष का समय लगता है!
धर्म शास्त्रों मे सूर्य का शनि के साथ पिता और पुत्र का सम्बंध होने के वाबजूद भी दोनों मे एक दूसरे की शत्रुता है सायद यही कारण हो सकता है कि सूर्य से शनि की काफी दूरी है!
एक अध्यन के अनुसार विज्ञान ने माना है कि शनि का उत्तरी ध्रुव काफी नीला है और चित्र विचित्र भी दिखता है! जबकि ज्योतिष मे शनि के कुप्रभाव से बचने के लिए काला, नीला रंग के वस्त्र, नीलम पत्थर के उपाय बताये जाते है! अध्यन से यह भी पता चलता है कि विज्ञान ने माना है कि शनि के उपग्रह पर तेल की वर्षा हो रही है जबकि ज्योतिष उपाय मे शनि को तेल अर्पण करने के उपाय भी बताये जाते है! यानि कि साफ है कि प्राचीन लोगों को अंतरिक्ष एवं ग्रहों के बारे मे बिना आधुनिक सुख सुविधा के ही काफी जानकारी थी जिस कारण अपने अनुभवों के आधार पर हम सभी के बीच शास्त्रों के माध्यम से काफी जानकारी दिए!
अंक विद्या के अनुसार शनि को आठ का अंक प्राप्त है, आठ अंक बाले जातक धीरे धीरे उन्नती करते है या काफी मेहनत करना पड़ता है या ये लोग अधिकतर प्रशासनिक या न्याय से जुड़े क्षेत्रों मे या लोहा व्यपार मे मिल सकते है! शनि का कमजोर होना कई प्रकार के और अधिकतर बाधाओं से निश्चित सामना करना पड़ता है! वहीं शनि का मजबूती रहना अन्य ग्रहों के कमजोर होने के वाबजूद भी उन्नती और प्रगति के मार्ग बनने मे सफल हो सकते है! यह देखना जरूरी है कि जातक के कुंडली मे शनि किस स्थिति मे है उसी अनुसार उपाय करते हुए आगे बढ़ना चाहिए! सिर्फ शनि के प्रभाव को देखकर उपाय करना उचित नहीं! शनि अपने स्थिति से राशि पर कितना प्रभाव डाल रहा है यह आकलन जरूरी है और इसी अनुसार आगे बढ़ना चाहिए!
इस वर्ष शनि 24 जनवरी 2020 को धनु से मकर राशि मे प्रवेश करेंगे और ढाई साल तक इसी राशि मे रहेंगे! साथ ही बारह राशियों पर इसका अलग अलग प्रभाव पड़ेगा!
नोट - ज्योतिष, हस्तलिखित जन्मकुंडली, वास्तु, पूजा पाठ, महा मृत्युंजय जाप, बगुलामुखी जाप एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के लिए संपर्क कर सकते है! समस्त्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित।