रोहित कुमार सोनू
पूरे देश और सिस्टम को झकझोर देने वाले निर्भया गैंगरेप केस में देश के राजधानी के लिए बदनुमा दाग बन गया. 16 दिसंबर की रात निर्भया अपने एक दोस्त के साथ फिल्म देखकर लौट रही थी. रास्ते में दोनों ने मुनीरका से एक बस ली. इस बस में उनके अलावा 6 लोग है. जल्द ही उन लोगों ने निर्भया से छेड़खानी शुरू कर दी, जो रेप में बदल गई.गैंगरेप का छठा आरोपी एक नाबालिग है. इसी शख्स ने निर्भया को बस में चढ़ने का आग्रह किया था. घटना के वक्त वह नाबालिग था. नतीजतन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने तीन साल की अधिकतम सजा के साथ उसे सुधार केंद्र में भेजा था. दिसंबर, 2015 में सजा पूरी करने के बाद उसे रिहा कर दिया गया. दावा है कि गैंगरेप के दौरान निर्भया से सबसे ज्यादा दरिंदगी इसी नाबालिग ने की थी.जानकारी के अनुसार दोषी उत्तप्रदेश का रहने वाला है, जो 11 साल की उम्र में घर की तंग हालत की वजह से भाग निकला और दिल्ली आ गया. यहां फुटपाथों पर दिन गुजारने के दौरान उसकी मुलाकात बस ड्राइवर राम सिंह से हुई. तब से वो राम सिंह के लिए क्लीनर का काम करने लगा. हालांकि राम सिंह से उसे कुछ खास पैसे नहीं मिलते थे और लगभग 8000 रुपए बकाया भी थे.इस दोषी के खिलाफ पूरे देश में इतना गुस्सा था कि सुरक्षा गृह में भी उसे गहन सुरक्षा में अलग रखा गया. हालांकि उस दौरान एक एनजीओ ने उसकी मानसिक सेहत ठीक रखने के लिए उसे कमरे में ही टीवी मुहैया करवाई. नाबालिक ने कड़ी निगरानी में रहते हुए सिलाई का काम सीखा. बाद में उसने खाना पकाने में अपनी रुचि दिखाई, जिससे उसे कुकिंग का काम भी सिखाया गया.आफ्टर केयर से रिहाई के बाद उसे उसके घरवालों की इजाजत के बाद दक्षिण भारत के एक अनाम जिले में रखा गया है. माना जाता है कि अब भी लोगों में उसके लिए काफी गुस्सा है, इसलिए उसे सुरक्षित रखने के लिए उसका नाम तक बदल दिया गया है. बदले हुए नाम के साथ वो रेस्टॉरेंट में काम करता है.
पूरे देश और सिस्टम को झकझोर देने वाले निर्भया गैंगरेप केस में देश के राजधानी के लिए बदनुमा दाग बन गया. 16 दिसंबर की रात निर्भया अपने एक दोस्त के साथ फिल्म देखकर लौट रही थी. रास्ते में दोनों ने मुनीरका से एक बस ली. इस बस में उनके अलावा 6 लोग है. जल्द ही उन लोगों ने निर्भया से छेड़खानी शुरू कर दी, जो रेप में बदल गई.गैंगरेप का छठा आरोपी एक नाबालिग है. इसी शख्स ने निर्भया को बस में चढ़ने का आग्रह किया था. घटना के वक्त वह नाबालिग था. नतीजतन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने तीन साल की अधिकतम सजा के साथ उसे सुधार केंद्र में भेजा था. दिसंबर, 2015 में सजा पूरी करने के बाद उसे रिहा कर दिया गया. दावा है कि गैंगरेप के दौरान निर्भया से सबसे ज्यादा दरिंदगी इसी नाबालिग ने की थी.जानकारी के अनुसार दोषी उत्तप्रदेश का रहने वाला है, जो 11 साल की उम्र में घर की तंग हालत की वजह से भाग निकला और दिल्ली आ गया. यहां फुटपाथों पर दिन गुजारने के दौरान उसकी मुलाकात बस ड्राइवर राम सिंह से हुई. तब से वो राम सिंह के लिए क्लीनर का काम करने लगा. हालांकि राम सिंह से उसे कुछ खास पैसे नहीं मिलते थे और लगभग 8000 रुपए बकाया भी थे.इस दोषी के खिलाफ पूरे देश में इतना गुस्सा था कि सुरक्षा गृह में भी उसे गहन सुरक्षा में अलग रखा गया. हालांकि उस दौरान एक एनजीओ ने उसकी मानसिक सेहत ठीक रखने के लिए उसे कमरे में ही टीवी मुहैया करवाई. नाबालिक ने कड़ी निगरानी में रहते हुए सिलाई का काम सीखा. बाद में उसने खाना पकाने में अपनी रुचि दिखाई, जिससे उसे कुकिंग का काम भी सिखाया गया.आफ्टर केयर से रिहाई के बाद उसे उसके घरवालों की इजाजत के बाद दक्षिण भारत के एक अनाम जिले में रखा गया है. माना जाता है कि अब भी लोगों में उसके लिए काफी गुस्सा है, इसलिए उसे सुरक्षित रखने के लिए उसका नाम तक बदल दिया गया है. बदले हुए नाम के साथ वो रेस्टॉरेंट में काम करता है.