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माघ मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी, जो नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है:जानें पुरी विधि


 इस बार नरक निवारण चतुर्दशी 23 जनवरी 2020, गुरुवार को है ! पुराणों के अनुसार इस दिन प्रदोष (सायं काल) शिव के पूजन को विशेष मह्त्व दिया गया है। दरभंगा/मधुबनी, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) ! माघ मास को सनातन धर्म मे विशेष महत्वपूर्ण माना गया है! जो कई विशेष पर्व त्योहारों से सुसज्जित है! माघ मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी, जो नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है, इस बार नरक निवारण चतुर्दशी 23 जनवरी 2020, गुरुवार को है ! पुराणों के अनुसार इस दिन प्रदोष (सायं काल) शिव के पूजन को विशेष मह्त्व दिया गया है! पुराणों के अनुसार इस दिन भगबान शिव की पूजा करने से सभी पापो का नाश होता है और मनुष्य को नरक के बंधन से मुक्ति मिलती है इसलिये इस दिन को नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है!
नरक निवारण चतुर्दशी की रात दिए जलाने की प्रथा के सन्दर्भ मे कई पौराणिक कथाएं और लोक मान्यता है! एक कथा के अनुसार इस दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी और दुराचारी असुर नरकासुर वध किया था और सोलह हजार एक सौ कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था, इस उपलक्ष्य मे दिया की बारात सजाई जाती है!
मास - माघ
पक्ष - कृष्ण
दिन - गुरुवार
तिथि - चतुर्दशी रात्रि 1:54 तक
 राहू काल - दिन के 2:40 से 4:00 तक सूर्योदय - 6:42, सूर्यास्त 5:18 है।
नोट - उपरोक्त समय सरणी मे अपने अपने क्षेत्रीय पंचांग अनुसार अनुसार अन्तर हो सकता है! समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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