पटना,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । "अपवित्रता' नहीं, महिलाओं के शरीर की अहम प्रक्रिया है पीरियड्स" नेत्रहीन लड़कियों का विद्यालय महेन्द्रू (पटना) में मिथिला स्टूडेंट्स यूनियन की इस मुहिम की ओर से माहवारी पर जागरूकता अभियान एवं सेनेटरी पैड वितरण किया गया इस अभियान में मैथिली भाषा के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ अभिनेत्री पूनमश्री द राष्ट्रीय खिलाड़ी सह समाजिक कार्यकर्ता बहन ईशा यादव और सामाजिक कार्यकर्ता सरिता ने सहयोग किया। सामाजिक कार्यकर्ता पूनम झा ने बताया कि आज हालत ये है कि माहवारी को लेकर हो रही झिझक से कहीं न कहीं देश में हर साल बढ़ती मातृ-शिशु मृत्यु दर का बीज रिप्रोडक्टिव हेल्थ को लेकर बरती जाने वाली इसी लापरवाही से बढ़ जाता है। बात अगर ग्रामीण क्षेत्रों की करें तो पता चलता है कि पीढ़ी दर पीढ़ी सिर्फ अज्ञानता आगे बढ़ रही है। महिलाओं को अपने शरीर के बारे में ही अधकचरी जानकारी होती है, जो तमाम संक्रमणों और बीमारियों को न्योता देती है। हालांकि देश में कई ऐसे भी उदाहरण हुए हैं, जिन्होंने कई बार कई तरीकों से देश की महिलाओं का जागरूक करने का काम किया है, जिसमें ‘द कचरा प्रोजेक्ट’ का नाम सबसे ऊपर है। हाल ही में लन्दन में आयोजित हुए “लन्दन मैराथन” की दौड़ में “किरण गांधी” नाम की एक भारतीय महिला ने पीरियड्स होने के बावजूद भी दौड़ में भाग लिया और खून आने के बाद भी दौड़ नहीं छोड़ी, ताकि महिलाओं में मासिक धर्म को लेकर जागरूकता फैल सके।। समाजसेवी पूनम झा ने कहा कि वे तमाम बुद्धिजीवीयों से निवेदन करती है की अगर आप आगे नही आओगे तो कही ना कही आप दोसी कहलाओगे।आइये जरिये अनुपम मुहिम से ओर इस नेक काम को आगे बढ़ाएं। अनूप कुमार सिंह की रिपोर्टिंग को समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।