खबरों में हालांकि, अभी कानून मंत्रालय इस मसले से जुड़े हर पहलू को देख रहा है, जिसमें किसी भी व्यक्ति की जानकारी, डेटा की चोरी न होने के खतरे को परखा जाएगा. मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि ये कैबिनेट नोट कब पेश किया जाएगा, इसकी अंतिम तिथि अभी तय नहीं है. लेकिन आसार हैं कि बजट सत्र में ये कानून आ सकता है.
जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन से नागरिकों को प्राइवेसी की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए 12-अंकों के आधार के साथ अपने इलेक्टोरल फोटो आईडी कार्ड को जोड़ने की आवश्यकता होगी. एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय चुनावी कानून को संशोधित करने के लिए चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए एक कैबिनेट नोट तैयार करने में व्यस्त है."चुनाव आयोग का कहना है कि इससे फर्जी मतदाताओं को आइडेंटिफाई करने में मदद मिलेगी। संशोधन में यह भी कहा गया है कि आधार नंबर नहीं देने की स्थिति में किसी का नाम न तो मतदाता सूची से हटाया जाएगा और न ही उन्हें इनरॉलमेंट देने से रोका जाएगा।