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घर घर नल जल समेत विभिन्न योजनाओं का उप मिशन निदेशक करेंगे निरीक्षण

 आसीफ़ रजा
 मुजफ्फरपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । बिहार विकास मिशन के उप मिशन निदेशक राजीव कुमार और सोमेश बहादुर माथुर दो दिवसीय दौरे पर जिले में आ रहे है। प्रशासन की तरफ से उनके आगमन पर भ्रमण कार्यक्रम जारी किया गया है। जिसमें बताया गया है कि 22 व 23 जनवरी को मिशन की टीम जिले में विभिन्न योजनाओं का निरीक्षण करेगी।
अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक पत्र में बताया गया कि 22 जनवरी को उप मिशन निदेशक हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली नालियां, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जनवितरण प्रणाली तथा जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। योजनाओं की स्थल जांच बैठक के बाद कुढऩी प्रखंड के जम्हरूआ पंचायत के वार्ड संख्या सात तथा महंथ मनियारी पंचायत के वार्ड संख्या तीन में हर घर नल का जल, घर तक पक्की सड़क के कार्य पूर्ण योजनाओं की स्थल जांच करेंगे। इसके बाद परिसदन में रात्रि विश्राम करेंगे। दूसरे दिन 23 जनवरी को नगर निगम की वार्ड संख्या 41 में हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली नालियों के कार्य पूर्ण योजनाओं की स्थल जांच एवं नमूना सत्यापन करेंगे। दोपहर दो बजे जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र का निरीक्षण तथा समीक्षात्मक बैठक करेंगे। जिसमें नोडल उपसमाहर्ता, जिला योजना पदाधिकारी, जिला नियोजन पदाधिकारी,शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। चार बजे डीएम व डीडीसी के साथ फीडबैक सेशन कर टीम पटना के लिए लौट जाएगी। 416.79 लाख निवेश की स्वीकृति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 के तहत जिले में 93 इकाइयों की स्थापना के लिए प्रथम स्टेज में 416 करोड़ 79 लाख पूंजी निवेश की स्वीकृति दी गई है। इसमें 36 इकाई उत्पादनरत हैं। इसकी पूंजी निवेश 139 करोड़ 28 लाख रुपये है। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक ने उक्त जानकारी दी है। नई औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति बताया कि मुख्यमंत्री एससीएसटी उद्यमी योजना के तहत जिले में 47 आवेदकों को प्रथम किस्त के रूप में 111.36 लाख की राशि दी गई।वहीं द्वितीय किस्त की 202.92 लाख की राशि उपलब्ध कराई जा रही है।बता दें कि एक सितंबर 2016 से नई औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति लागू हो चुकी है।प्रस्ताव पर अनुमोदन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाना है।इस नीति के माध्यम से निवेशकर्ता को अधिक से अधिक सुविधाएं देने का प्रावधान है। टर्म लोन के ब्याज पर 10 फीसद (सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को 12 फीसद) ब्याज राज्यानुदान अधिकतम सीमा है। परियोजना लागत का प्राथमिकता क्षेत्र में 30 फीसद वं गैर प्राथमिकता क्षेत्र में 15 फीसद (अधिकतम 10 करोड़) उक्त नीति के अंतर्गत देय है।  आसीफ रजा की रिपोर्टिंग को समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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