सूर्य नारायण हो रहे उत्तरायण,
खुशियाँ सबको दे रवि नारायण ,
मकर राशि में भास्कर का प्रवेश,
देव के कृपा से दु:ख बचे नये शेष।
तिल तिल हर पल उत्तर बढ़ते,
हर पल नभ तल में खुशियाँ देते,
अमीर गरीब का विभेद मिटाते,
समान समरुपता का संदेश देते ।
उष्मा उत्तर और उत्तरायण,
नमन है आपको सूर्य नारायण,
चारों तरफ छायी है हरियाली,
सुख समृद्धि का सन्देशा लायी ।
सप्त अश्वरथ ने अब गति पायी ,
वैशाख नन्दन की हो गयी विदाई,
शुभ मुहूर्त लगन की वेला आयी,
दान पुण्य कर खुद करो भलाई।
अहं ,घमंड ,अज्ञान का कर दो दान,
सबका कल्याण करेंगे सूर्य भगवान,
नयी सोच उमंग से तिल तिल बढ़ना,
जी.एम. पीछे मुड़ कभी मत देखना।
काला ,उजला और लाल तील,
खाकर मग उन्नति करें सब मिल,
कृष्ण पक्ष,शुक्ल पक्ष सब मिलेंगे,
सूर्यनारायण अब नित्य दर्शन देंगे।
शनै: शनै: उषा उष्मा का होगा प्रभाव,
शनै: शनै: शीत का कम होगा प्रभाव ,
प्रीथ्वी पिताम्बरी ओढ़ मुस्कुरा रही है,
वसंत आगमन का अगाह करा रही है ।
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