धर्मविजय गुप्ता
हसनपुर/समस्त्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । समस्तीपुर जिला में पहले गन्ना की उत्पादकता काफी हुआ करती थी क्योंकि पहले इस जिले में दो चीनी मिल भी कार्यरत थी और स्थानीय किसानों द्वारा गन्ना क्रशर लगाकर गुड़ उद्योग भी चलाया जाता था। वहीं किसानों ने बताया कि करीब 05 वर्ष पूर्व हसनपुर चीनी मिल के द्वारा समस्तीपुर जिले में संचालित हो रहे किसानों के गन्ना क्रशर एवं गुड़ उत्पादन उद्योग को बंद करवा दिया गया और अभी हम लोगों का ईख का फसल तैयार है । लेकिन हमारे फसल को खरीदने वाला कोई नहीं है । जिले में एकमात्र संचालित हो रही हसनपुर चीनी मिल भी हम लोगों को इस वर्ष अभी तक ईख लेने के लिए रसीद नहीं दे रहा है। किसानों ने बताया कि अगर हमारी फसल अब हसनपुर चीनी मिल भी नहीं लेगी और स्थानीय स्तर पर क्रेशर मशीन भी नहीं चलने दिया जा रहा है तो गन्ना किसान आखिर क्या करेंगे। किसानों ने अपने आर्थिक बदहाली एवं तंगहाली की भी बात बताई। हालाकि विगत वर्षों से समस्तीपुर चीनी मिल के बंद होने के बाद जिले में ईख की खेती काफी कम कर रहे है। वहीं उपस्थित किसानों ने बताया कि इस बार हसनपुर चीनी मिल में इसका रेट ₹200 प्रति क्विंटल है और वहां भी कोई लेने को तैयार नहीं है । अब हम सब किसान अपने उत्पाद को क्या करें और कहां लेकर जाऐ। यह हमारे लिए एक विकट समस्या है। इस अवसर पर उपस्थित किसानों के नाम कृष्ण देव महतो, राम कुमार महतो एवं राजकुमार साह हैं। ज्ञात हो कि समस्तीपुर जिले की प्रभारी मंत्री बीमा भारती बिहार सरकार में गन्ना उद्योग विकास विभाग की कैबिनेट मंत्री हैं और समस्तीपुर जिले की प्रभारी मंत्री भी हैं लेकिन ईख किसानों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आ रहा है। समस्त्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।