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जननायक कर्पूरी ठाकुर की जंयती मनाने आऐ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहें पत्रकारों से दूर, मीडिया कर्मियों को फजीहत का सामना करना पड़ा


नीतीश कुमार की उल्टी गिनती कर्पूरी जयंती समारोह से हुआ शुरू

राजेश कुमार वर्मा 

समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की 96वीं जयंती के अवसर पर स्थानीय कर्पूरी ग्राम में कर्पूरी स्मृति भवन के साथ ही गोकुल कर्पूरी फुलेश्वरी महाविद्यालय में राजकीय सम्मान समारोह में प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्रकारों के साथ ही आमजनों से रहे दूर । वहीं उक्त समारोह में जदयू सदस्य धीरूभाई ने जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के जयंती पे माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जल जीवन हरियाली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए मोमेंटो देकर सम्मानित किया। मीडिया कर्मियों को उनके सुरक्षाकर्मियों द्वारा निकट नहीं जाने दिया जा रहा था । ऐसा दूसरी बार किया गया है उक्त बातें वहां पर उपस्थित फजीहत झेल रहे विभिन्न चैनलों के साथ सोशल मीडिया व प्रिंट मीडियाकर्मियों के द्वारा किया जा रहा था। वहीं बिहार का हाल जानना हो तो किसी एक जिला का छह महीने में हुऐ विकास का आंकलन कर लीजिए । पूरे राज्य के सभी जिले का हाल पता चल जाएगा की प्रतिदिन कितना विकास हो रहा है। आईये आपको लेकर चलते है समस्तीपुर जिले के ताजपुर प्रखंड जहां विगत् माह में ही जल जीवन हरियाली के तहत सैकड़ों गरीब परिवार के घरों को उजाड़कर पोखर पर लाखों रुपये खर्च कर श्री गणेश किया गया । उसकी सुन्दरता पर चन्द दिनों बाद ही ग्रहण लग गया । वहीं आम लोगों के द्वारा की जा रही चर्चा जोरों पर जारी है कि आखिर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मीडिया से दूरी क्यों बनाये हुऐ है.? तो स्थानीय सुरेन्द्र ठाकुर कहते है अपने साथी से बहुत अच्छा राम बालक पासवान जी आपने कहा नीतीश कुमार में अब बहुत अहंकार आ गया है, तभी तो कार्यकर्ता से दूरी तो बनाए हुऐ हैं ही अब मीडिया से भी दूरी बना लिए हैं। वहीं जीतेंद्र कुमार का कहना है की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उल्टी गिनती आज इसी स्थल से शुरू हो गई क्योंकि ऐ जननायक कर्पूरी की धरती है । यहां से राजनितिज्ञों की उत्पत्ति होती हैं। यहां के समरसता को नीतीश कुमार समझते नहीं हैं। इसलिए अपने कार्यकर्ताओं के साथ ही जनमानस के साथ साथ मीडियाकर्मियों से भी दूर होने लगे है, आने वाले विधानसभा चुनाव में क्षेत्र की जनता का विकास के प्रति आक्रोश व्याप्त है झेलना पड़ सकता है। जिससे इनकी कुर्सी कहीं खिसक ना जाऐ। वहीं मुख्यमंत्री के द्वारा संचालित सात निश्चय योजना के तहत संचालित हर घर जल नल योजना जो धरातलीय तो नहीं दिखाई दे रहा है, लेकिन विभागीय कागज के पन्नों पर योजना पूर्ण होने की सूचीबद्ध जरुर मिलने के साथ ही दिखाई दे सकता है। चलते है देखते हैं समस्तीपुर जिले में कितना विकास हुआ है तो जानते है कि विकास हुआ है तो किसका तो मालूम होता है सिर्फ अपराधिक गतिविधियों का, फायनेंस कम्पनी से लूट का, हत्याओं का, पुलिस प्रशासन के भ्रष्टाचार का, प्रशासनिक अधिकारियों/कर्मचारियों का विकास हुआ है । इसके बाद वैशाली हाजीपुर की भी लगभग वैसी ही स्थिति है। सबसे बुरा विकास हुआ है तो सहरसा, सुपौल, इत्यादि जैसे दयनीय जिले में ।इसके बाद मुजफ्फरपुर चलते हैं और देखते हैं कितना जिले का कितना विकास हुआ है। मुजफ्फरपुर जिला बिहार का मॉडल जिला बन गया है । जहां छः महीने में ही हत्या के 78 और लूट के 166 मामले दर्ज हुए। DDC के रिश्तेदार की हत्या के साथ साथ जज से भी रंगदारी मांगी गई।बैंक,फायनेंस कम्पनी से लूट आम बात हो गयी है। बालिका गृहकाण्ड तो याद होगा ही, मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि हुई, छात्रावास से होटल सफ्लाई होती थी बालिका किन्तु ना तो बिहार पुलिस और ना ही सीबीआई मूंछ वाले व तोंद वाले अंकल को खोज पायी। राज्य के जिले में नागरिक परेशान हो रहे हैं। विकास के नाम पर कागजी घोड़े दौड़ाऐ जा रहें हैं। रोजगार के नाम पर बेरोजगार युवाओं को भटकाया जा रहा है। मंहगाई के नाम पर चुप्पी, रोजगार के नाम पर चुप्पी, कल-कारखाने के नाम पर चुप्पी, हत्या, लूट, जालसाजी के नाम पर चुप्पी साध रखें है । हमारे मुखिया शायद इसी सब प्रश्नों के उत्तर ढूंढ रहे पत्रकारों की मंडलियों से दूरी बनाने का काम करने लगे है । क्योंकि किसी भी शासकीय दलों में जनता के दुखदायी भरी कहानी और विकास से कोई लेना देना नहीं है। अगर ऐसा ही विकास चाहिए तो 2020 में तो फिर से नीतीश वाला नारा बुलंद कीजिये । क्योंकि भाजपा भी जोरशोर से लगाने हीं वाली है। विपक्ष तो विपक्ष है । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।

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