रोहित कुमार सोनू
प्याज, आलू, टमाटर और अन्य सब्जियों के बाद अब जल्द ही चीनी की कीमत बढ़ सकती है। इस समय आलू जहां 40 रुपये पर इतरा रहा है वहीं 100 से 150 रुपये किलो बिक रहा अच्छी किस्म का प्याज लोगों के आंसू निकाल रहा है, अब चीनी भी कड़वी होने जा रही है। इसका मुख्य कारण है चीनी का उत्पादन कम होना है।चीनी उत्पादन में कमी इस वजह से चीनी की कीमत 8 फीसदी तक बढ़ने की आशंका है.
10 फीसदी तक उत्पादन में कमी
बताया जा रहा है कि चीनी उत्पादन में 10 फीसदी की कमी आ सकती है. इसके अलावा निर्यात में 20 फीसदी की वृद्धि के कारण चीनी के भंडार में भी गिरावट आ सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक एकमुश्त निर्यात सब्सिडी की घोषणा के बाद सत्र 2019 के लिए चीनी निर्यात 38 लाख टन होने का अनुमान था जो सत्र 2020 में बढ़कर 45 - 50 लाख टन तक हो सकता है. इस वजह से चीनी की कीमतों में इजाफा होने की आशंका है.
दरअसल, सत्र 2019 के लिए, सरकार ने निर्यात की जाने वाली चीनी के लिए प्रति टन 1,000-3,000 रुपये प्रति टन की ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी और इसके साथ ही गन्ने के लिए 139 रुपये प्रति टन की कच्चा माल सब्सिडी देने का फैसला किया था. निर्यात की गई चीनी पर 1,000-3,000 रुपये प्रति टन की ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी निर्यात करने वाले चीनी मिल से निकटतम पोर्ट के बीच की दूरी के आधार पर तय की जाएगी.
प्याज, आलू, टमाटर और अन्य सब्जियों के बाद अब जल्द ही चीनी की कीमत बढ़ सकती है। इस समय आलू जहां 40 रुपये पर इतरा रहा है वहीं 100 से 150 रुपये किलो बिक रहा अच्छी किस्म का प्याज लोगों के आंसू निकाल रहा है, अब चीनी भी कड़वी होने जा रही है। इसका मुख्य कारण है चीनी का उत्पादन कम होना है।चीनी उत्पादन में कमी इस वजह से चीनी की कीमत 8 फीसदी तक बढ़ने की आशंका है.
10 फीसदी तक उत्पादन में कमी
बताया जा रहा है कि चीनी उत्पादन में 10 फीसदी की कमी आ सकती है. इसके अलावा निर्यात में 20 फीसदी की वृद्धि के कारण चीनी के भंडार में भी गिरावट आ सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक एकमुश्त निर्यात सब्सिडी की घोषणा के बाद सत्र 2019 के लिए चीनी निर्यात 38 लाख टन होने का अनुमान था जो सत्र 2020 में बढ़कर 45 - 50 लाख टन तक हो सकता है. इस वजह से चीनी की कीमतों में इजाफा होने की आशंका है.
दरअसल, सत्र 2019 के लिए, सरकार ने निर्यात की जाने वाली चीनी के लिए प्रति टन 1,000-3,000 रुपये प्रति टन की ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी और इसके साथ ही गन्ने के लिए 139 रुपये प्रति टन की कच्चा माल सब्सिडी देने का फैसला किया था. निर्यात की गई चीनी पर 1,000-3,000 रुपये प्रति टन की ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी निर्यात करने वाले चीनी मिल से निकटतम पोर्ट के बीच की दूरी के आधार पर तय की जाएगी.