रोहित कुमार सोनू
बिहार के जिले भर में ओवर लोड वाहनों की अनदेखी और पुलिस प्रशासन की मनमानी को लेकर यात्रियों में नाराजगी देखी जा रही है। तेज रफ्तार दौड़ते ओवर लोड वाहनों पर अंकुश न लगने से आए दिन हादसे हो रहे हैं, टैक्सियों में भरी बेसुमार सवारियों और लगेज के बाद भी कार्रवाई न होने टैक्सी चालकों और बस चालकों के हौसले बुलंद बनें हुए हैं। यात्रियों ने पुलिस प्रशासन और यातायात विभाग के आला अधिकारियों से अवैध वाहनों के साथ ही ओवर लोड वाहनों के विरूद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। जिले में यातायात व्यवस्था दम तोड़ती नजर आने लगी है। टैक्सी चालकों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। जगह-जगह मनमाने तरीके से टैक्सियों को घंटो खड़ा रखना और बेसुमार सवारियों को भर कर तेज रफ्तार चलाकर ले जाना शहर सहित आस-पास के इलाकों में ले जाना आम हो गया है। यहां नगरीय इलाके के साथ ही बिहार के सीतामढ़ी , मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर सहित अन्य इलाकों में संख्या से अधिक सवारियों को भरकर ले जाना आम हो गया है। यहां आए दिन हो रहे हादसों के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई न होने से चालकों के हौंसले बुलंद बने हुए हैं। अनेक रास्तों पर ओवर लोडिंग की अनदेखी की जा रही है। सवारियों को भूसा की तरह भरकर बस स्टेंड और थानों के सामने से गुजरना लोगों में आश्चर्य का कारण बना हुआ है। क्षेत्र की सड़कों पर बेखौफ दौड़ रही ओवरलोड बसें हादसे को निमंत्रण दे रही हैं, यहां कभी भी ओवरलोड बसें हादसों को अंजाम दे सकती हैं। हाल ही में हुए हादसों के बाद भी प्रशासन और टैक्सी चालकों ने किसी तरह का सबक नहीं लिया है और मनमानी लगातार जारी है। जिले में आए दिन हो रहे हादसे के बाद भी कार्रवाई न होने से लोगों में नाराजगी बनी हुई है। यहां से सीतामढ़ी के पुपरी टावर चौक पर चलने वाली बसों के अलावा सीतामढ़ी के महसोल आदि मागों पर चलने वाली बसों की हालत देख राहगीरों में हादसों की आशंका बनी हुई है। पुलिस प्रशासन के तमाशबीन बने होने से जिले में दुर्घटनाएं होती चली आ रही हैं। ऐसा नहीं है कि पुलिस को थाने के सामने से निकलती ओवरलोड टैक्सी नजर नहीं आतीं, मगर पुलिस बसों को नजरअंदाज करके तमाशबीन बनी रहती है। यह टैक्सियां इतनी तेज निकलती है कि रास्ते में चलने वाले राहगीरों की दशा चिंताजनक हो जाती है। उनको एक भय बना रहता है कि इन बसों से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, क्योंकि यह बस वाले बेखौफ तरीके से तेज रफ्तार बसों को ले जाते हैं और मनमाने तरीके से बसों को चलाते हैं।यहां चलने वाली टैक्सियों और ओवरलोड बसों पर सवारियां लटक कर यात्रा करती नजर आ रही हैं। बिहार के जिले की थाना पुलिस कार्रवाई करने के कतारती रही है। अब देखना है कि पुलिस पर आए दिन लगने वाले सांठगांठ के आरोपों से निजात पाने के लिए पुलिस प्रशासन क्या कार्रवाई करता है।
बिहार के जिले भर में ओवर लोड वाहनों की अनदेखी और पुलिस प्रशासन की मनमानी को लेकर यात्रियों में नाराजगी देखी जा रही है। तेज रफ्तार दौड़ते ओवर लोड वाहनों पर अंकुश न लगने से आए दिन हादसे हो रहे हैं, टैक्सियों में भरी बेसुमार सवारियों और लगेज के बाद भी कार्रवाई न होने टैक्सी चालकों और बस चालकों के हौसले बुलंद बनें हुए हैं। यात्रियों ने पुलिस प्रशासन और यातायात विभाग के आला अधिकारियों से अवैध वाहनों के साथ ही ओवर लोड वाहनों के विरूद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। जिले में यातायात व्यवस्था दम तोड़ती नजर आने लगी है। टैक्सी चालकों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। जगह-जगह मनमाने तरीके से टैक्सियों को घंटो खड़ा रखना और बेसुमार सवारियों को भर कर तेज रफ्तार चलाकर ले जाना शहर सहित आस-पास के इलाकों में ले जाना आम हो गया है। यहां नगरीय इलाके के साथ ही बिहार के सीतामढ़ी , मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर सहित अन्य इलाकों में संख्या से अधिक सवारियों को भरकर ले जाना आम हो गया है। यहां आए दिन हो रहे हादसों के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई न होने से चालकों के हौंसले बुलंद बने हुए हैं। अनेक रास्तों पर ओवर लोडिंग की अनदेखी की जा रही है। सवारियों को भूसा की तरह भरकर बस स्टेंड और थानों के सामने से गुजरना लोगों में आश्चर्य का कारण बना हुआ है। क्षेत्र की सड़कों पर बेखौफ दौड़ रही ओवरलोड बसें हादसे को निमंत्रण दे रही हैं, यहां कभी भी ओवरलोड बसें हादसों को अंजाम दे सकती हैं। हाल ही में हुए हादसों के बाद भी प्रशासन और टैक्सी चालकों ने किसी तरह का सबक नहीं लिया है और मनमानी लगातार जारी है। जिले में आए दिन हो रहे हादसे के बाद भी कार्रवाई न होने से लोगों में नाराजगी बनी हुई है। यहां से सीतामढ़ी के पुपरी टावर चौक पर चलने वाली बसों के अलावा सीतामढ़ी के महसोल आदि मागों पर चलने वाली बसों की हालत देख राहगीरों में हादसों की आशंका बनी हुई है। पुलिस प्रशासन के तमाशबीन बने होने से जिले में दुर्घटनाएं होती चली आ रही हैं। ऐसा नहीं है कि पुलिस को थाने के सामने से निकलती ओवरलोड टैक्सी नजर नहीं आतीं, मगर पुलिस बसों को नजरअंदाज करके तमाशबीन बनी रहती है। यह टैक्सियां इतनी तेज निकलती है कि रास्ते में चलने वाले राहगीरों की दशा चिंताजनक हो जाती है। उनको एक भय बना रहता है कि इन बसों से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, क्योंकि यह बस वाले बेखौफ तरीके से तेज रफ्तार बसों को ले जाते हैं और मनमाने तरीके से बसों को चलाते हैं।यहां चलने वाली टैक्सियों और ओवरलोड बसों पर सवारियां लटक कर यात्रा करती नजर आ रही हैं। बिहार के जिले की थाना पुलिस कार्रवाई करने के कतारती रही है। अब देखना है कि पुलिस पर आए दिन लगने वाले सांठगांठ के आरोपों से निजात पाने के लिए पुलिस प्रशासन क्या कार्रवाई करता है।